लखनऊ (सवांददाता) हैलमेट लगा कर दुपहिया वाहन चालने वालो की दुर्घटनाओं में हुई मौत के बाद गौर किया गया तो पता चला कि मार्किट में बिकने वाले अधिकतर हैलमेट सस्ते और ख़राब क्वालिटी के थे, इसी के मद्देनजर अब गैर-आइएसआइ मानक हेलमेटों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब सरकार अक्टूबर से इनके उपयोग पर भी रोक लगाने जा रही है। इस संबंध में सड़क मंत्रालय ने मसौदा अधिसूचना जारी कर संकेत दे दिए हैं।
हेलमेट की गुणवत्ता के बारे में उपभोक्ता मंत्रालय पहले ही प्रक्रिया जारी कर चुका है। इस वर्ष 20 मार्च को उसकी ओर से जारी ‘हेलमेट क्वालिटी कंट्रोल आर्डर, 2018’ के अनुसार हेलमेट का उत्पादन भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों अनुरूप और आइएसआइ चिन्हांकन के साथ करना आवश्यक कर दिया गया था।
हेल्मेट क्वालिटी कंट्रोल आर्डर, 2018 के अनुसार हेलमेट के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं और सामग्रियों का उपयोग सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भारतीय मानक ब्यूरो की होगी और वही तैयार हेलमेटों को प्रमाणित भी करेगा। बीआइएस के अलावा जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी भी इस आदेश को लागू कराने के लिए जिम्मेदार होंगे। जो भी व्यक्ति इस आदेश में उल्लिखित आइएस 4151:2015 मानकों से अलग हेलमेटों का उत्पादन, भंडारण अथवा बिक्री करेगा वो भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप दंड का भागीदार होगा। आर्डर में केवल विदेशों को निर्यात होने वाले हेलमेट को बीआइएस के प्रावधानों से छूट दी गई है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के उक्त आदेश के बाद कई राज्यों में यातायात पुलिस ने आइएसआइ चिह्न रहित हेलमेट पहनकर दुपहिया चलाने वाले चालकों का चालान करना शुरू कर दिया था। लेकिन चूंकि सड़क मंत्रालय की ओर से इसे लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई थी, इसलिए दुपहिया चालक इसका विरोध कर रहे थे। यही वजह है कि मंत्रालय की ओर से मसौदा अधिसूचना जारी की गई है। दो महीने बाद इसके गजट में प्रकाशित होने के बाद ट्रैफिक पुलिस के लिए गैर-आइएसआइ हेलमेट पहने वाले दुपहिया चालकों का चालान करना आसान हो जाएगा। बीआइएस मानकों के अनुसार हेलमेट का वजन 1200 ग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। साथ ही इसमें हाई-इंपैक्ट मैटीरियल का उपयोग होना चाहिए। अच्छी कंपनियों के हेलमेट प्राय: इससे आधे वजन के होते हैं। दूसरी ओर अधिकांश गैर-आइएसआइ मानक हेलमेट 1500 ग्राम तक के होते हैं। हेलमेट में प्रयुक्त होने वाले हाई इंपैक्ट मैटीरियल तथा बढि़या फोम और थर्मोकोल से वजन में कमी के साथ उपयोग करने वाले के सिर की सुरक्षा बढ़ती है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 के तहत प्रत्येक दुपहिया चालक के लिए बीआइएस मानक हेलमेट पहनना जरूरी है। इसके बावजूद हेलमेट के निर्माण व बिक्री पर बीआइएस मानक इस वर्ष मार्च तक जरूरी नहीं थे। सड़क मंत्रालय की माने तो 2016 में हेलमेट न पहनने की वजह से 10,135 दुपहिया चालकों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हुई थी।