लखनऊ (सवांददाता) केंद्र सरकार द्धारा लागू किये गए जीएसटी पर निरंतर संशोधन और जीएसटी की दर में कटौती किये जाने से ये बात साफ हो चुकी है कि जीएसटी बिना सोचे समझे लागू कर दिया गया था | आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने फिर नए साल के बहाने ही सही उपभोक्ताओं को जीएसटी की 33 वस्तुओं पर दर में छूट देकर वैसे तो फिर अपनी गलती में सुधार किया है , लेकिन इस छूट से सरकार को 5500 करोड़ की राजस्व हानि होने की सम्भावना है | आने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र सरकार का ये क़दम या तो राजनीति से प्रेरित है या फिर जनता को कुछ राहत पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया सराहनीय क़दम है | जिन 33 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कटौती की गई है, उनमे टीवी, टायर, सिनेमा के टिकट सहित कई वस्तुए शामिल हैं | जिन पर पहले 28, 18 या 12 फीसद टैक्स वसूला जाता था, उन्हें अब निचली दरों में शामिल किया गया है। मतलब के कई उत्पादों को 5 फीसद जीएसटी दर तक की श्रेणी में लाया गया है। ये नई दरें 1 जनवरी, 2019 से लागू हों जाएंगी ।
बताते चलें कि टेलीविज़न और मॉनीटर्स पर जीएसटी को 28 से घटाकर 18 कर कर दिया गया है।
100 रूपये तक सिनेमा टिकट पर पहले जीएसटी 18 प्रतिशत था, इसको घटा कर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। यही नहीं 100 रुपये से ज़्यादा के सिनेमा टिकट पर पहले जीएसटी 28 प्रतिशत था, इसको घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
काउंसिल की मीटिंग के बाद पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने बताया, ‘कांग्रेस की असली मांग यह थी कि लग्जरी सामान को छोड़कर अन्य सभी उत्पादों को 18 फीसद की दर पर लाया जाना चाहिए और सरकार इससे सहमत भी है। सिर्फ 28 उत्पादों को छोड़कर बाकी सभी को 18 या उससे कम की जीएसटी दर में रखा गया है। मुख्यमंत्री नारायणसामी के इस बयान से तो ये प्रतीत होता है कि वो इसका श्रेय कांग्रेस को दे रहे है |
उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने जीएसटी काउंसिल की मीटिंग से बाहर आते हुए कहा टीवी, ऑटो पार्ट्स, कंप्यूटर जैसे 22 उत्पादों पर जीएसटी दर 28 फीसद से कम हुआ है। उन्होंने कहा, सिर्फ लग्जरी और तंबाकू जैसे सेहत के लिए हानिकारक उत्पादों को 28 फीसद के स्लैब में रखा गया है। रीयल इस्टेट में भी अगली बैठक के दौरान जीएसटी पर चर्चा होगी।
शनिवार सुबह दिल्ली के विज्ञान भवन में वस्तु एवं सेवाकर परिषद (जीएसटी) काउंसिल की अहम बैठक शुरू हुई। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बैठक की अध्यक्षता की। यह जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक थी। इस बैठक का सबको बेचैनी से इंतेज़ार था, उम्मीद की जा रही थी कि काउंसिल में कई वस्तुओं पर जीएसटी दर कम करने के फैसले पर मुहर लगेगी और ऐसा ही हुआ है।
जैसा की सब जानते हैं कि काउंसिल पिछले कुछ समय से 28 फीसद के स्लैब को लगातार घटाती आ रही है। आज भी आशा थी कि 28 फीसद के स्लैब में से कई और चीजों का हटाया जा सकता है।लेकिन ऐसा नहीं हुआ जब्कि, लिस्ट में सबसे ऊपर सीमेंट का नाम था, जिसपर अभी 28 फीसदी टैक्स लगता है, लेकिन जीएसटी काउंसिल की इस 31वीं बैठक में सीमेंट की टैक्स दरों पर कोई बात ही नहीं हुई। जीएसटी की नई दरें 1 जनवरी 2019 से लागू होंगी।