समुद्र मंथन की तरह संविधान मंथन का चुनाव है: अखिलेश यादव
लखनऊ,संवाददाता। मैनपुरी में डिंपल यादव के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा पर आक्रामक होते हुए जमकर ज़बानी हमला बोला। अखिलेश यादव ने कहा कि समुद्र मंथन की तरह संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को बदलना चाहते हैं। संविधान के भक्षक हैं। एक तरफ हम लोग हैं जो संविधान की रक्षा करना चाहते हैं।
भाजपा ने सभी वादे भुला दिए
अखिलेश यादव ने कहा मुझे पूरा भरोसा है इस चुनाव में संविधान बदलने निकले और 400 पार का नारा देने वालों को जनता ने बदलने का मन बना लिया है। भाजपा के भाषण में आम जनता का दुख दर्द शामिल नहीं है। भाजपा ने सभी वादे भुला दिए। पीछे देखते हैं तो हर वादा झूठा निकला और बात झूठी निकली। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। महंगाई में किसान खेती कर रहे हैं। फसल का भाव लेने जाते हैं तो खेती घाटे का सौदा हो गई है। किसान दुखी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा विकसित भारत संकल्प यात्रा चला रही है, लेकिन किसान खुशहाल नहीं होगा तब तक विकसित भारत नहीं बनेगा। नौजवानों ने परीक्षा दी, लेकिन पेपर लीक हो गया। परीक्षा रद हो गई और घर लौट के आ गए। लेकिन नौकरी नहीं मिली। इस सरकार में एक, दो नहीं 10 से ज्यादा परीक्षाओं के पेपर हुए लीक। जो सरकार हमें और आपको बुलडोजर दिखाकर डरा रही है वो अपना लीकेज नहीं रोक पा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार तीन काले कानून लाई थी। अगर वो कानून लागू हो गए होते तो किसानों की जमीन छिन जाती थी। एमएसपी भी किसानों को नहीं मिलती। बड़े-बड़े उद्योगपति न केवल खेतों की तरफ देख रहे होते बल्कि पैदावार भी लूटने का काम करते हैं। किसानों ने कानूनों के खिलाफ धरना दिया। सरकार के खिलाफ लड़ते रहे। सरकार ने आरसीसी की दीवारें बनवार दी, कीलें लगवा दीं। किसान पीछे नहीं हटे। एक हजार किसानों ने आत्महत्या की, लेकिन किसान नहीं हटे। काले कानून हटे तभी किसान वापस आए। 16 लाख करोड़ का कर्ज उद्योगपतियों का माफ किया गया लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया। इंडिया गठबंधन माफ करेगा किसानों का कर्ज। न केवल कर्ज माफ किया जाएगा, बल्कि किसानों की एमएसपी की लड़ाई भी पूरी होगी। उन्हें इसका अधिकार दिलाने का काम करेंगे।