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लखनऊ में गर्मी से बेहाल ट्रांसफार्मर खायेंगे अब कूलरों की हवा,बिजली खपत में 537 मेगावाट की वृद्धि

 

लखनऊ,18 मई । प्रदेश में भीषण गर्मी ने न केवल लोगों को परेशान किया, बल्कि बिजली ट्रांसफार्मरों को भी ‘पसीना’ छुड़ा दिया। अभीतक जहां मनुष्य को गर्मी से बचाव के लिए हवा की जरूरत पड़ती थी तो वहीं अब ट्रांसफार्मर को भी कूलरों की हवा खाने की आवश्यकता पड़ रही है। जी हां,लखनऊ में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने और बिजली खपत में 537 मेगावाट की वृद्धि के कारण ट्रांसफार्मरों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। लखनऊ विद्युत आपूर्ति प्राधिकरण (LESA) ने इस समस्या से निपटने के लिए 400 अतिरिक्त कूलर की मांग की है।पुराने लखनऊ के क्षेत्रों, जैसे चौक, कश्मीरी मोहल्ला, और ठाकुरगंज, में ट्रांसफार्मरों की स्थिति सबसे चिंताजनक है। इन क्षेत्रों में पुराने और कम क्षमता वाले ट्रांसफार्मर बढ़ते लोड को सहन नहीं कर पा रहे, जिसके चलते सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक बिजली कटौती की शिकायतें आम हैं। चौक डिवीजन ने इस दिशा में सराहनीय कदम उठाते हुए कई पुराने ट्रांसफार्मरों की मरम्मत की और कुछ स्थानों पर नए ट्रांसफार्मर स्थापित किए। यह पहल बिजली आपूर्ति को स्थिर करने में प्रभावी रही, और अन्य डिवीजनों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।विशेषज्ञों का मानना है कि जहां बिजली की मांग अधिक है, वहां अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाना समय की जरूरत है। उदाहरण के लिए, चौक और कश्मीरी मोहल्ला जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लोड को संतुलित कर सकता है। LESA के एक अधिकारी ने बताया कि पुराने तारों और कमजोर फीडरों को बदलने का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन गर्मी के मौसम में मांग के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक उपाय जरूरी हैं।ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए राजभवन उपकेंद्र का निरीक्षण किया और कूलर की तत्काल व्यवस्था के निर्देश दिए। जनता से धैर्य रखने की अपील करते हुए LESA ने हेल्पलाइन 1912 पर शिकायत दर्ज करने की सलाह दी है। ट्रांसफार्मरों की देखभाल और नए उपकरणों की स्थापना से लखनऊ में बिजली संकट को कम करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

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