लखनऊ, 8 मई। नवाबों के शहर लखनऊ में देर रात एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र में कथक नृत्य कार्यशाला शुरू हुई, जिसमें स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन मई में होने वाले भव्य सांस्कृतिक महोत्सव का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लखनऊ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रचारित करना है। कार्यशाला में कथक की विभिन्न शैलियों, जैसे लखनऊ और जयपुर घराने, पर चर्चा और प्रशिक्षण हुआ।प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना शोभा कोशर ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, “कथक केवल नृत्य नहीं, बल्कि भावनाओं और कहानियों का मंचन है। लखनऊ इसका केंद्र रहा है।” कार्यशाला में 50 से अधिक युवा नर्तकों ने हिस्सा लिया, जिन्हें विशेषज्ञों से ताल, लय और अभिव्यक्ति की बारीकियाँ सीखने का मौका मिला। अंतरराष्ट्रीय कलाकारों में कनाडा की नृत्यांगना मारिया ने लखनऊ घराने की तारीफ करते हुए इसे “विश्व कला का रत्न” बताया।आयोजकों ने बताया कि यह कार्यशाला तीन दिन तक चलेगी, जिसमें नृत्य प्रदर्शन, सेमिनार और मास्टरक्लास शामिल होंगे। स्थानीय निवासियों में इस आयोजन को लेकर उत्साह है, और सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा ट्रेंड कर रही है। लखनऊ के सांस्कृतिक प्रेमियों का मानना है कि ऐसे आयोजन युवाओं को पारंपरिक कलाओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण हैं। यह कार्यशाला न केवल कथक को बढ़ावा देगी, बल्कि लखनऊ को वैश्विक सांस्कृतिक मंच पर और मज़बूत करेगी।