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अपने विरोधियों को मृत घोषित करवाकर प्रधानी का जीतना चाहता था चुनाव,खुला राज़
लखनऊ.संवाददाता | संपत्ति की लालसा में अबतक जिंदा को मुर्दा साबित करने के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है वो एक फ़िल्मी अंदाज़ का है | जी हाँ मामला राजनीति से जुड़ा हुआ है | पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने के लिए ऐसी साज़िश की गई जो अपने आप में एक मिसाल है | आज़मगढ़ जिले के पूराराम गांव में प्रधान ने बीएलओ से सांठगांठ कर अपने 409 विरोधियों को मृत बताकर मतदाता सूची से नाम गायब करा दिए | जब इस मामले की जानकारी गांव वालों को हुई तो सब इकट्ठा हो गए और तख्तियां पर साहब हम ज़िंदा हैं लिखकर विरोध प्रदर्शन किया |
मामला प्रशासन के संज्ञान आया तो जिलाधिकारी के निर्देश पर गांव में खुली बैठक बुलाकर मामले की जांच शुरू कर दी गई | एसडीएम सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए |
यह मामला फूलपुर तहसील क्षेत्र के पवई ब्लाक के पूराराम जी गांव का है | यह मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान 400 लोगों को मृतक दिखाकर उसका नाम मतदाता सूची से गायब करवा दिया गया | जबकि कुछ लोगों को नाबालिक, अविवाहित लड़कियों को विवाहिता कर उनका भी नाम सूची से हटवा दिया गया | मामला संज्ञान में आया तो अधिकारियों ने मामले की जांच की | इसके बाद गुरुवार को गांव में खुली बैठक बुलाई गई | अधिकारी मामले की जांच के लिए पहुंचे थे तब हाथ में साहब मैं जिंदा हूं का पोस्टर लेकर हज़ारों लोग मौके पर पहुंच गए | इस मामले पर राजेंद्र ,प्यारे ,रामकुमार, करमचंद यादव आदि का आरोप है कि प्रधान ने बीएलओ के साथ मिलकर साजिश की और 409 लोगों का नाम मतदाता सूची से कटवा दिया ,जिससे कि वह आसानी से चुनाव जीत जाएं | अब इन लोगों की मांग है ,उनका नाम सूची में जोड़ना चाहिए और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होना चाहिए | यदि प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो वह बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे | इस मामले पर एसडीएम का कहना है कि सूची से नाम कटवाने का मामला प्रकाश में आया है इसलिए इस मामले की जांच की जा रही है , जांच में अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी |
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