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सरकारी कर्मचारियों की मांगों का लिया मुख्यमंत्री ने संज्ञान, अधिकारीयों को दी हिदायत

लखनऊ (सवांददाता) सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नतियां लटकाने, पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति लाभ देने और दौड़ाने के साथ-साथ इंक्रीमेंट के लिए भी हाथ जोड़ने या भीख मांगने जैसी परम्परा को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संज्ञान में लेते हुए और आज अफसरों की बैठक में सरकारी कर्मियों को मिलनेवाली सुविधा व लाभ से जुड़े हर बिंदु की विस्तार से समीक्षा की। तय समयसीमा में सभी लाभ दिलाना सुनिश्चित करने का अधिकारीयों को आदेश दिया है।

बताते चलें कि ये पहले मुख्यमंत्री है जिन्होंने कर्मचारियों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की समीक्षा के दौरान कर्मचारियों की पदोन्नति, वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (इंट्री), इंक्रीमेंट, अवकाश, पेंशन, सेवानिवृत्त लाभ व एलटीसी आदि के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

उन्होंने अफसरों को निर्देशित किया कि प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में पदोन्नतियां ‘ऑटो मोड’ में होनी चाहिए और उनमें किसी प्रकार की कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए। सरकारी सेवकों को तय समय पर पदोन्नतियां सुनिश्चित कराई जाएं। कोई भी डीपीसी लंबित न रखी जाए।

मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के सभी देयों का भुगतान तत्काल करने और उनकी पेंशन का निर्धारण तेजी से करते हुए जल्द से जल्द पेंशन दिलाने का निर्देश दिया। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल ने मुख्यमंत्री को विभाग की जिम्मेदारियों व उस पर की जा रही कार्यवाही की विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी सरकारी विभागों में तैनात कार्मिकों की संपूर्ण जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

योगी ने अफसरों से कहा कि वो सभी विभागाध्यक्षों, जिलाधिकारियों व अन्य उच्चाधिकारियों को निर्देशित कर दें कि वे अपने अधीनस्थों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां (एसीआर) तत्काल भेज दें ताकि इनके चलते कार्मिक की पदोन्नति में कोई अड़चन न आए और उनका समय से प्रमोशन हो जाए। उन्होंने कार्मिकों की वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) तय समय पर मिलना सुनिश्चित करने को भी कहा।

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