लखनऊ (सवांददाता) सर्वोच्च न्यायालय ने आज आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता पर अपना फैसला बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान आज ये साफ हो गया कि हमकों कहा पर आधार का प्रयोग करना है और कहा पर नहीं | सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक़ स्कूल में एडमीशन के लिए आधार की जरुरत नहीं रह गई है| यूजीसी, नीट और सीबीएसई की परीक्षाओं के लिए भी अब आधार के कोई मायने नहीं रह गये, बैंक में खाता खोलने के लिए और मोबाईल सिम कार्ड लेने हेतु भी अब आधार कार्ड की जरुरत नहीं रह गई है | साथ ही अदालत ने कहा कि निजी कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकती | इसके अलावा आयकर दाखिल करने के लिए, पैन कार्ड बनवाने के लिए और सरकारी योजनाओं सहित सब्सिडी पाने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता पहले की तरह ही लागू रहेगी | जस्टिस सीकरी ने कहा है कि आधार पर हमला संविधान के खिलाफ है, उन्होंने फैसला पढ़ते हुए कहा कि ये जरूरी नहीं है कि हर चीज बेहतर हो, लेकिन कुछ अलग भी होना चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड ने गरीबों को पहचान और ताकत दी है। साथ ही यह भी कहा कि इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है। आधार कार्ड पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के समान है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बायॉमीट्रिक डाटा को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कोर्ट की इजाजत के बिना किसी और एजेंसी से शेयर नहीं करेगी। कोर्ट ने केंद्र को हिदायत भी दी है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड न मिले।