लखनऊ, संवाददाता | भारत में कोरोना महामारी के बीच विदेशों को वैक्सीन एक्सपोर्ट करने को लेकर उठ रहे सवालों का केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर के प्रशन्न करने वालों के मुंह पर ताला डाल दिया है | केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि महामारी के दौरान पूरा विश्व एक यूनिट है | विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद एक आंकड़े के मुताबिक भारत में जनवरी से अप्रैल 2021 के बीच 90 देशों और संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य कर्मियों को 66.368 लाख कोरोना वैक्सीन निर्यात की है | सरकार की तरफ से कहा गया कि एक बार करोना महामारी फैलती है तो फिर पूरा विश्व एट यूनिट की तरह हो जाता है | स्वस्थ मंत्रालय के 11 मार्च के एक हलफनामे में शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि एक बार जब महामारी ,महामारी का रूप ले लेती है तो इसका प्रबंधन पूरे विश्व को इकाई के रूप में रखना होता है |
हलफनामे के अनुसार सरकार ने तर्क दिया कि देश या राज्य के लिए विशेष दृष्टिकोण अपनाना संभव नहीं था | सरकार ने टीकाकरण के लिए वैश्विक कार्यवाही के हिस्से के रूप में वैक्सिंग निर्यात की परिकल्पना की थी| केंद्र ने तर्क दिया कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने और विदेशों में से भारत में कोविड 19 मामलों के आने की संभावना को कम करने के लिए अलग देशों में भी आबादी को सुरक्षित करना बेहद आवश्यक था | केंद्र ने अपने हलफनामे में सफाई देते हुए कहा कि जब तक दुनिया में बड़े पैमाने पर इस बीमारी पर नियंत्रण नहीं रख जा सकेगा तब तक भारत मारा मारी से किसी भी हाल में सुरक्षित नहीं होगा | सरकार ने कहा कि निर्यात सीमित था और घरेलू जरूरतों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया गया था |