HomeINDIAराममंदिर निर्माण पर नहीं लाया जायेगा अध्यादेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
राममंदिर निर्माण पर नहीं लाया जायेगा अध्यादेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
क्या वसीम रिज़वी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को दे सकेंगे शिकस्त
मोदी के बयान से हिन्दू संगठनों में बड़ सकती है नाराज़गी
ज़की भारतीय
लखनऊ (सवांददाता) राममंदिर निर्माण मामले पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक न्यूज़ एजेंसी को दिए बयान में ये साफ कर दिया कि मंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाकर मंदिर का निर्माण क़तई नहीं किया जायेगा | ये बयान विश्व हिन्दू परिषद, साधू-संतों और मंदिर निर्माण की मांग कर रहे अन्य हिन्दू संगठनों के लिए मायूसी का एक ऐसा जाम है जिसे पीने के बाद भी आस्था का नशा नहीं चढ़ने वाला है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बयान देकर ये साबित कर दिया है कि उनको भी अपने पद की गरिमा का भरपूर एहसास है | हालाँकि उनकी केंद्र में प्रचंड बहुमत से सरकार बनी हुई है और अगर वो राममंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाकर मंदिर का निर्माण करवा लें, तो कोई ताक़त भी मंदिर निर्माण नहीं रोक सकती, लेकिन उन्होंने आज ये बयान देकर साबित कर दिया है कि भारत में न्यायपालिका का राज स्थापित है जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदर व सम्मान करते हैं| आज उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राम मंदिर के लिए अध्यादेश नहीं लाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 70 साल शासन करने वालों ने ही राम मंदिर के मुद्दे को लटकाया है।
पीएम मोदी ने कहा कि काग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं। इसके चलते ही राम मंदिर की सुनवाई धीमी गति से चल रही है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने देश पर राज किया है वह आज ज़मानत पर बाहर हैं। पीएम मोदी ने एक बार फिर नोटबंदी को सही ठहराते हुए कहा कि नोटबंदी का फैसला बिलकुल सही था।
हालाँकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्धारा राममंदिर निर्माण मामले पर अध्यादेश ना लाने की बात से राममंदिर निर्माण करने पर तुले हिन्दू संगठनों में रोष व्याप्त हो जायेगा और हो सकता हैं कि इस मुद्दे पर जल्द ही अयोध्या में साधू-संतों और विश्व हिन्दू परिषद द्धारा प्रदर्शन किया जाने लगे |
यही नहीं अदालत के फैसले का इंतेज़ार ना करने वाले हिन्दू संप्रदाय के लोग कारसेवा कर राममंदिर का निर्माण जबरन करने का प्रयास शुरू कर दे |ऐसे हालत में उन्हें रोकना या उन पर पुलिस बल का प्रयोग कराना भाजपा के लिए हानिकारक हो सकता हैं | क्योकि अब खुद हिन्दू संप्रदाय के लोग राममंदिर निर्माण मामले पर भाजपा पर उँगलियाँ उठाने लगे हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अब भाजपा को आने वाले लोकसभा चुनाव में किस तरह हिन्दुओं के दिलों में फिर से दाखिल करेगी ये तो कहना मुश्किल हैं, लेकिन ये भी तय हैं कि मोदी द्धारा राममंदिर निर्माण मामले पर ये बयान देना उनके अकेले की बस की बात नहीं है| क्योकि अभी कुछ माह पूर्व ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर निर्माण मामले पर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए सख्त नाराज़गी जताई थी | साथ ही एक बैठक का आयोजन किया था जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो शिरकत नहीं की थी, लेकिन उस भव्य बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ अमित शाह ने शिरकत की थी | उस बैठक के कुछ दिनों बाद ही अयोध्या में सरगर्मियां तेज हो गईं थी और शिवसेना प्रमुख उद्रव ठाकरे ने भी अयोध्या आकर अपने बयान में नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन्हें कुम्भकर्ण की डिग्री दे डाली थी | यही नहीं उन्होंने कहा था कि वो कुम्भकर्ण को जगाने के लिए अयोध्या आये है | शिवसेना को अगर इस मामले से हटा भी दिया जाये तो विश्व हिन्दू परिषद व साधू-संतों को भाजपा इस मामले पर कैसे समझा सकेगी | हालाँकि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई से पूर्व आज शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए आज अपने अधिवक्ताओं के साथ बोर्ड में सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए समीक्षा बैठक की है |
वसीम रिज़वी ने आज जारी अपने बयान में कहा है कि वो सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को जल्द ही हरा कर अयोध्या में राममंदिर निर्मण का मामला साफ कर देंगे, उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद मीर बाक़ी ने बनवाई थी जो खुद शिया थे जिस कारण बाबरी मस्जिद शिया सेन्ट्रल बोर्ड में वक़्फ़ दर्ज है | इधर आज जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण मामले पर अध्यादेश ना लाये जाने की बात कही वही आज ही चेयरमैन वसीम रिज़वी ने अधिवक्ताओं के साथ समीक्षा बैठक करके ये साबित कर दिया है कि जल्द ही न्यायालय द्धारा राममंदिर निर्माण पर कोई फैसला अवश्य आ जायेगा |
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