लखनऊ (सवांददाता)। बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर राजद सहित विपक्षी दलों के दिल्ली में हुए धरना-प्रदर्शन के बाद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर कहा कि गलत काम करने वाले छोड़े नहीं जाएंगे, चाहे वे कोई भी हों। उन्होंने कहां कि बचाने की कोशिश करने वाले भी नहीं बख्शे जाएंगे। सभी जेल जाएंगे। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर राजद सहित विपक्षी दलों के दिल्ली में हुए धरना-प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि ऐसा करना उनका लोकतांत्रिक अधिकर है। जहां तक बिहार सरकार की बात है, दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। इसके पहले भी उन्होंने कहा था कि इस घटना को लेकर वे शर्मिदगी महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने रविवार को पटना में सतत जीविकोपार्जन योजना का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने यह भी कहा कि सूबे में शराबबंदी कानून लागू रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे किसी को बख्शने नहीं जा रहे। राजद सहित विपक्षी दलों के दिल्ली में हुए धरना-प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर गाली ही देनी हो तो दीजिए। एक-आध नकारात्मक चीजें लेकर ही चल रहे हैं लोग, जरा सकारात्मक चीजों पर भी तो ध्यान दीजिए। उन्होंने कहा कि जो गड़बड़ करेगा वो अंदर जाएगा। उसको बचाने वाला भी नहीं बचेगा। उन्होंने आज कहां कि वो किसी गलती करने वाले से समझौता नहीं करेंगे | कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका दीदियों के कहने पर ही 2015 में शराबबंदी की घोषणा की गई थी। यह कानून 2016 में लागू किया गया था। शराबबंदी के समर्थन में चार करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई थी। ताड़ी-दारू के काम में लगे जिन लोगों के सामने जीविका की समस्या है, उनके तथा समाज के अति निर्धन परिवारों के लिए सतत जीविकोपार्जन योजना लागू की गई है। योजना के तहत अभी एक लाख परिवारों को जोड़ा जा चुका है। योजना के तहत सरकार 60 हजार से एक लाख रुपये तक की सहायता देगी। बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बीते शुक्रवार को भी कहा था कि इस घटना से वे शर्मसार हैं। आत्मग्लानि होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले के जो भी दोषी होंगे उनके लिए कोई उदारता नहीं दिखाई जाएगी। जो भी दोषी होंगे उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। यह घटना नहीं पाप हुआ है। मुख्यमंत्री ने तब कहा था कि वे चाहते हैं कि सीबीआई की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में हो। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के पूरे सिस्टम में सुधार पर बल दिया था। उन्होंने कहा था कि जांच चल रही है और सब उनके संज्ञान में है। पूरे तंत्र को दुरुस्त करना जरूरी है।