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मास्क न पहनने वालों पर लगेगा 1 लाख रुपये का जुर्माना या दो वर्ष का कारावास

ज़की भारतीया

लखनऊ,संवाददाता |कोरोना वायरस जैसी महामारी ने जहाँ सरकारी राजस्व के मुंह खाली कर दिए वहीँ आम आदमी के पास दो वक़्त की रोटी के इंतज़ाम के लाले पड़े हुए हैं और ऐसे समय में मास्क न पहनने वालों पर एक लाख का जुर्माना या दो वर्ष की सज़ा का अध्यादेश कहाँ तक उचित है ? क्या सरकार अब अपने ख़ाली हुए ख़ज़ाने का मुंह इसी तरह ग़रीब लोगों को प्रताड़ित करके भरने पर आमादा हो गई है ? वाहन चेकिंग के नाम पर करोड़ों रूपए की राजस्व वसूली से असंतुष्ट सरकार सरकारी ख़ज़ाने को भरने के लिए नित्य नए उपाए ढूंढ रही है |
गौरतलब ये भी है कि आजकल वाहन चेकिंग अभियान की आखिर क्या ज़रूरत है ? ऐसे समय में सरकार को चाहिए कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए व्यापक क़दम उठाए और बिना मास्क आने जाने वालों को निशुल्क मास्क दें | ये अलग बात है कि निर्धन लोगों को छोड़कर मध्यम वर्ग के लोगों से मास्क की क़ीमत वसूलें ,न की उनसे जुर्माने की शक्ल में एक लाख रूपए और जुर्माना न देने वालों को दो वर्ष की सज़ा | ये वो दौर चल रहा है जिसमे इंसान की आमदनी शून्य हो चुकी है ,प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां करने वालों की नौकरियां उनके हाथों से निकल चुकी है और जिनके अपने व्यव्यसाय थे वो बंद पड़े हैं ,ऐसे में इस तरह के अनाप शनाप आदेशों से लगता है कि सरकार को जनता की ज़रा भी परवाह नहीं रह गई है ,बल्कि ये कहना कदापि गलत नहीं होगा कि सरकार स्वार्थी हो चुकी है | हर व्यक्ति के पास इतना भी धन नहीं कि वो हर सप्ताह 80 रूपए से लेकर 350 रूपए का मास्क खरीद सके | अगर किसी के परिवार में छह सदस्य हों ,तो वो सबके लिए मास्क कहाँ से लाए ? अगर आप ने ग़रीबी नहीं देखी है तो आप 10 रूपए की भी अहमियत नहीं समझ सकते | जो गरीब है वो 10 रूपए की अहमियत खूब समझता है | इसलिए सरकार अमीरी के चश्मे से जनता को मत देखे | मैंने अपने जीवन में वो समय गुज़ारा है ,जिसमे 20 रूपए की सब्ज़ी खरीदना भी मुहाल होता था | मैं समझता हूँ ग़रीबी क्या होती है ? मैंने भी अपने पूरे परिवार के लिए मास्क ख़रीदे थे ,लेकिन मैं ही जानता हूँ कि उन मास्कों को खरीदने पर मुझपर क्या गुज़री थी | आप को बताता चलूँ कि आज भी मैं उन मास्कों को धो-धोकर काम चला रहा हूँ | अभी हाल ही में कश्मीरी मोहल्ला पार्षद लईक़ आग़ा द्वारा पत्रकारों को बुलवाकर उनके हाथो से निर्धन लोगों को 500 मास्क वितरित करवाए गए थे ,जिन्होंने मेरे परिवार वालों को भी मास्क दिए और अन्य पत्रकारों के परिजनों को भी मास्क दिए | इसतरह मेरे पास दो महीने बाद नए मास्क आ सके | मैंने लईक़ आग़ा की सफलता के लिए मन से दुआ की | जिसे आज पूरी ईमानदारी के साथ लिख भी रहा हूँ |
जनता के लिए जो सेवाभाव इस पार्षद में है वो आखिर सरकार में क्यों नहीं ?
बहरहाल आपको बताते है कि झारखंड कैबिनेट ने आज गुरुवार को संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को पारित कर दिया है , इसमें कहा गया है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों और मास्क न पहनने वालों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा |
इसके साथ ही नए नियम के तहत अगर कोई नियमों का उल्लंघन या मास्क नहीं पहनता है तो उसे 2 साल तक जेल में रहना पड़ सकता है | हालांकि, आज उल्लंघनकर्ताओं को रोकने के लिए सड़कों पर कोई चेकिंग नहीं देखी गई ,साथ ही राजधानी रांची की सड़क पर कई लोग बिना मास्क भी देखे गए |
दरअसल, झारखंड में कोरोना मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है,इस वजह से अब सरकारी अस्पतालों में जगह नहीं रह गई है | सरकार ने फैसला किया है, अब प्राइवेट हॉस्पिटल और बैंकेट हॉल का इस्तेमाल अब आइसोलेश वार्ड बनाने में किया जाएगा, हालांकि सरकार के इस फैसले का रांची के स्टेशन रोड पर रहने वाले लोग विरोध कर रहे   हैं |

लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड रिहायशी इलाकों में बनाया जा रहा है, इस वजह से उनकी जिंदगी खतरे में पड़ गई है | रांची के स्टेशन रोड पर रहने वाले 200 परिवारों ने सरकार के फैसले का विरोध किया है और कहा है कि आइसोलेशन वार्ड को कहीं और बनाया जाए |

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