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पढ़िए क्यों किया चीनी सैनिकों ने फिंगर-4 को ब्लॉक ? फिंगर-8 तक करती थी भारतीय सेना पेट्रोलिंग
भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच आज एक बार फिर वार्ता का दौर जारी
लखनऊ ,संवाददाता | लद्दाख में जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच आज एक बार फिर वार्ता का दौर शुरू हो गया है |दोनों देशों के बीच यह वार्ता ऐसे समय पर हो रही है जब भारत ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक हाई अलर्ट घोषित कर रखा है। मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की वजह पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत की ओर से एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का चीन द्वारा तीखा विरोध है | गलवान घाटी में भी दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर चीन के विरोध को लेकर भी गतिरोध है। पैंगोंग सो में फिंगर क्षेत्र में सड़क को भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम माना जाता है। भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीन के विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी किसी सीमावर्ती आधारभूत परियोजना को नहीं रोकेगा,यही नहीं चीन की घुसपैठ की सुनियोजित साजिश को देखते हुए भारत ने पूरी उत्तरी सीमा पर अपनी सैन्य तैयारी को और मज़बूत कर लिया है। बहरहाल अब ये देखना है कि इस बैठक से भारत और चीन के बीच तनाव किस हद तक कम होगा। बताते चलें कि भारत और चीन से सटी 3488 किमी सीमा पर आर्मी की यूनिट और एयरफोर्स के ठिकानों को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है। सेना ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब चीन की सेना पीएलए ने सीमा पर कई जगहों पर अपना जमावड़ा बढ़ा दिया है। ये अलग बात है कि दोनों देशों के मध्य बैठक जारी है और शायद अच्छे परिणाम निकलने की भी आशा नज़र आई है लेकिन चीन शायद समझौता करना नहीं चाहता है ,क्योंकि इस बातचीत के पीछे कूटनीति भी हो सकती है | फिंगर-4 विवाद का समाधान जल्द निकलने की उम्मीद कम है | 6 जून की मीटिंग में भी माना गया था कि वहां पर गतिरोध लोकल कमांडर या हाईएस्ट लेवल बैठक से दूर नहीं हो पाएगा |
जानकारों की माने तो ,गतिरोध के चार पॉइंट्स में से पेट्रोलिंग पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग एरिया से सैनिक कुछ पीछे हटे हैं | गलवान घाटी से 3 जून को ही चीनी सैनिक करीब 2 किलोमीटर पीछे हट गए थे | गतिरोध के चार पॉइंट्स की पहचान की गई जो पैंगोग त्सो एरिया में फिंगर-4, गलवान वैली में पेट्रोलिंग पॉइंट-14, पेट्रोलिंग पॉइंट-15 और हॉट स्प्रिंग एरिया है | इससे पहले भारत और चीन की सेनाओं ने सीमा पर गतिरोध को खत्म करने की पहल करते हुए पूर्वी लद्दाख के कुछ गश्त बिंदुओं से ‘सांकेतिक वापसी’ के तौर पर अपने सैनिकों को वापस बुलाया है | सैन्य सूत्रों ने कहा कि चीनी और भारतीय सेनाओं ने गलवान घाटी के दो गश्त क्षेत्रों 14 और 15 तथा हॉट स्प्रिंग के एक गश्त क्षेत्र से अपने कुछ सैनिक वापस बुलाए हैं बैठक को सफलता की दृष्टि से देखना इसलिये फ़ुज़ूल है क्योंकि फिंगर-4 को लेकर गतिरोध पहले की तरह ही बरकरार है। एलएसी पर गतिरोध का सबसे बड़ा पॉइंट ही फिंगर-4 है। यहां पर चीनी सैनिक बड़ी संख्या में डटे हैं। पहले भारतीय सैनिक फिंगर-8 तक पेट्रोलिंग पर जाते थे, लेकिन चीनी सैनिकों ने फिंगर-4 के पास ही ब्लॉक कर दिया है। जबकि भारत का दावा है कि एलएसी फिंगर-8 से गुजरती है |
बैठक को सफलता की दृष्टि से देखना इसलिये फ़ुज़ूल है क्योंकि फिंगर-4 को लेकर गतिरोध पहले की तरह ही बरकरार है। एलएसी पर गतिरोध का सबसे बड़ा पॉइंट ही फिंगर-4 है। यहां पर चीनी सैनिक बड़ी संख्या में डटे हैं। पहले भारतीय सैनिक फिंगर-8 तक पेट्रोलिंग पर जाते थे, लेकिन चीनी सैनिकों ने फिंगर-4 के पास ही ब्लॉक कर दिया है। जबकि भारत का दावा है कि एलएसी फिंगर-8 से गुजरती है |
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