लखनऊ,8 मई ।कल देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली में एक हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक प्रमुख व्यवसायी को गिरफ्तार किया। सूत्रों के अनुसार, यह मामला उत्तर प्रदेश के कुछ प्रभावशाली राजनेताओं और बिल्डरों से जुड़ा है, जिन्होंने कथित तौर पर अवैध फंड को रियल एस्टेट और विदेशी खातों में निवेश किया। गिरफ्तार व्यवसायी, जिसका नाम अभी गोपनीय रखा गया है, पर आरोप है कि उसने 500 करोड़ रुपये से अधिक की हवाला राशि को विभिन्न शेल कंपनियों के ज़रिए स्थानांतरित की।ED की जाँच में पता चला कि यह राशि दिल्ली और यूपी में अवैध खनन, शराब व्यापार और सरकारी ठेकों से जुड़ी थी। एजेंसी ने दिल्ली के पॉश इलाकों में कई संपत्तियों को ज़ब्त किया, जिनमें लुटियंस ज़ोन में एक बंगला और गुरुग्राम में लक्ज़री फ्लैट शामिल हैं। सूत्रों का दावा है कि इस केस में यूपी के दो पूर्व मंत्रियों और एक मौजूदा विधायक से पूछताछ हो सकती है। ED ने पिछले छह महीनों में 200 से अधिक बैंक खातों की जाँच की और विदेशी बैंकों में 50 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगाया।यह मामला तब सुर्खियों में आया जब एक व्हिसलब्लोअर ने ED को दस्तावेज़ सौंपे, जिसमें शेल कंपनियों के ज़रिए फंड ट्रांसफर का विवरण था। जाँच में दुबई और सिंगापुर में फर्जी कंपनियों का ज़िक्र भी सामने आया। ED ने अब तक 10 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें चार्टर्ड अकाउंटेंट और बिचौलिये शामिल हैं। इस केस का यूपी की राजनीति पर गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि 2027 के विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं।विपक्ष ने इस गिरफ्तारी को “राजनीतिक बदले” का हथियार बताया, जबकि सत्तारूढ़ BJP ने इसे “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई” करार दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केस यूपी में अवैध फंडिंग के बड़े नेटवर्क को उजागर कर सकता है। ED अब इस मामले में और छापेमारी की योजना बना रही है।