लखनऊ (सवांददाता) गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर बीमार क्या हुए कि कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा ही पेश कर दिया | यही नहीं सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के 14 विधायक आज गोवा के राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मिलने राजभवन भी पहुंच गए।सूत्रों की माने तो राज्यपाल वहां मौजूद नहीं थे | राज्यपाल के न मिलने के बाद कांग्रेस नेताओं ने दावा पेश करने वाला पत्र वहीं छोड़ दिया|
बावजूद इसके कांग्रेस के विधायक गवर्नर हॉउस के बाहर मौजूद है | इस मामले पर पत्रकारों ने सरकार बनाने के बावत जब कांग्रेस के विधायकों से सरकार बनाने के दावे के बारे में पूछा तो कांग्रेस विधायकों का कहना था कि मनोहर पर्रीकर के बीमार रहने से राज्य के विकास के काम पिछले कुछ महीनों से ठप पड़ गए हैं।
कांग्रेस नेता चंद्रकांत कवलेकर ने बताया, ‘हमने दो ज्ञापन सौंपे हैं और अनुरोध किया है कि 18 महीने के भीतर चुनाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। लोगों ने हमें पांच साल के लिए चुना है। यदि वर्तमान सरकार काम करने में सक्षम नहीं है, तो हमें मौका दिया जाना चाहिए, हम काम करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी हैं, हमें पहले मौका दिया जाना चाहिए था। देखें कि आज सरकार कैसे काम कर रही है। सरकार होते हुए भी ना के बराबर है। हमारे पास संख्या बल है, इसलिए हम दावा कर रहे हैं। कांग्रेस को इस समय 16 विधायकों का समर्थन प्राप्त है |
बताते चलें कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर के लगातार बीमार रहने के चलते गोवा में नेतृत्व परिवर्तन की क़यासअराइयों पर भाजपा ने विराम लगा दिया है। पार्टी का कहना है कि पर्रीकर का स्वास्थ्य ठीक-ठाक है। सियासी हालात का जायजा लेने के लिए भाजपा का उच्च स्तरीय पर्यवेक्षक दल रविवार को पणजी पहुंचा। यहां पहुंचने के बाद दल में शामिल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, राम लाल और गोवा के प्रभारी विजय पुराणिक ने सूबे के भाजपा नेताओं के साथ ताजा राजनीतिक स्थिति पर बातचीत की। देर शाम को वे भाजपा के सहयोगी दलों गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के नेताओं सहित सरकार को समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों से भी मिले।
भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद राम लाल ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार को लेकर कोई मुद्दा ही नहीं है और न ही किसी ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है। हालांकि राम लाल ने बैठक के बारे में ज्यादा ब्योरा देने से इन्कार कर दिया। लेकिन, गोवा भाजपा के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का कोई सवाल नहीं है, क्योंकि पर्रीकर की सेहत ठीक-ठीक है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षक दल के साथ संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई है। इससे पहले जीएफपी प्रमुख विजय सरदेसाई ने कहा, ‘हमने पर्रीकर की अनुपस्थिति से उत्पन्न समस्या का स्थायी हल निकालने का आग्रह किया है।
पणजी पहुंचने के बाद पर्यवेक्षकों ने तेंदुलकर व दक्षिण गोवा के सांसद नरेंद्र सवाईकर से ताजा राजनीतिक स्थिति पर विस्तार से बातचीत की। पर्यवेक्षकों से मुलाकात के बाद गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा, ‘हमने राज्य में व्याप्त जमीनी हकीकत के बारे में केंद्रीय नेताओं को पूरा ब्योरा दे दिया। अब पार्टी नेतृत्व को ही फैसला लेना है।’ राज्य विधान सभा के डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो के मुताबिक, ‘बैठक राज्य सरकार के कामकाज और पर्रीकर की बीमारी तक ही सीमित रही। पर्यवेक्षक हालात पर नजर रखे हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि समस्या क्या है? लोबो का कहना था, ‘पार्टी में कोई समस्या नहीं है। अभी मुख्यमंत्री बीमार हैं और यही समस्या है।