लखनऊ,4 जून। गाजियाबाद में 4 जून 2025 को बकरीद से पहले एक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील घटना सामने आई, जहां 30-40 अज्ञात हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं ने गोश्त से लदे एक ट्रक को पुलिस की मौजूदगी में आग लगा दी। संगठनों का दावा है कि वे गोश्त की खपत को रोकना चाहते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह उनकी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। हालांकि, इस घटना ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का काम किया है। पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप है, और कोई गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। यह घटना कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है। गोश्त खाना व्यक्तिगत पसंद का मामला है, और इसे बलपूर्वक रोकना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी खतरनाक है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए पुलिस और प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे।