HomeINDIAक्या फ्लॉप शो साबित हो सकते हैं एग्जिट पोल के आकड़े ?

क्या फ्लॉप शो साबित हो सकते हैं एग्जिट पोल के आकड़े ?

सरकार किसी की बने, प्रजातंत्र की होना चाहिए जीत
ज़की (भारतीय)

लखनऊ (संवाददाता) लोकसभा चुनाव 2019 में किसकी सरकार बनेगी, वैसे तो ये 23 मई के बाद पता चल जायेगा लेकिन इस बीच एग्जिट पोल के जो नतीजे आ रहे है उससे साफ ज़ाहिर है कि भाजपा की दुबारा केंद्र में सरकार बनने जा रही है | लेकिन एग्जिट पोल को परिणाम नहीं माना जा सकता, जैसा कि सब जानते है कि 2004 में एग्जिट पोल जबरदस्त तरीके से फ्लॉप शो साबित हुआ था | इसके बावजूद इंडिया टीवी ने भाजपा को 300 कांग्रेस को 120+और अन्य दलों को 122 सीटे दी हैं | रिपब्लिक ने भाजपा को 287 कांग्रेस को 128 और अन्य दलों को 127 सीटे मिलने का दावा किया है | यही नहीं आज तक के एग्जिट पोल ने भाजपा को 339-365 कांग्रेस को 77-108 और अन्य दलों को 69- 95 सीटे मिलने का अनुमान लगाया है , जब्कि न्यूज़ 24 ने भाजपा को 350 कांग्रेस को 95 और अन्य दलों को 97 सीटे मिलने का अपने एग्जिट पोल में दावा किया है , एबीपी ने एग्जिट पोल में भाजपा को 277 कांग्रेस को 130 और अन्य दलों को 135 सीटे मिलने का अनुमान लगाया है | इन तमाम एग्जिट पोल के माध्यम से सरकार बनाने की धुंधली तस्वीर साफ होती हुई नजर आ रही है और शायद इसीलिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एनडीए की दावत करने का एलान कर चुके हैं| लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फ़ुरक़ान अंसारी के दिए बयान के अनुसार देश की मीडिया एग्जिट पोल में भाजपा को 300 सीटे देने में लग गई हैं उन्होंने कहा कि 23 मई को आने वाले परिणाम के बाद एक बार फिर साबित हो जायेगा कि एग्जिट पोल की कोई हैसियत नहीं | हालाँकि एग्जिट पोल के बाद कहीं -कहीं ये भी सुनने में आ रहा हैं कि कांग्रेस सहित भाजपा विरोधी दल मिठाई की दुकानों से मिठाई बनवाने के लिए दिए गए रुपये वापिस मांगने में लग गए हैं |
हालाँकि सभी के एग्जिट पोल सुनने के बाद एनएस लाइव न्यूज़ ने अपने एग्जिट पोल में जो अंदाज लगाया हैं वो सभी से थोड़ा अलग हैं | बताते चले की एनएस लाइव न्यूज़ के अनुसार कुल 542 सीटों में से भाजपा को 205+ कांग्रेस को 195 और अन्य दलों को 142 सीटे मिलने की आशंका हैं | जिस तरह 2004 में मतदाताओं ने एग्जिट पोल की पोल खोल दी थी, ठीक उसी तरह से इस बार भी चुनाव नतीजे आने के बाद एग्जिट पोल को शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती हैं | 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी बाबा केदार की शरण में नहीं गए थे , लेकिन इस बार उनका परिणाम आने से पूर्व वहां जाना ये बताता हैं कि इस बार उनको अपने जादुई भाषण और 5 वर्ष के कार्यकाल में किये गए कार्यों पर विश्वास नहीं रहा | जब्कि नरेंद्र मोदी ने कल दिए अपने बयान में कहा कि वो बाबा केदार के यहाँ कुछ मांगने नहीं गए थे | उनका ये स्पष्टीकरण आखिर क्यों ?
केंद्र में सरकार किसी की भी बने लेकिन देखना ये हैं की लोकतंत्र की विजय होती हैं या नहीं | प्रश्न किसी के जीत जाने के बाद सरकार बनाने का नहीं हैं बल्कि देखा ये जाना चाहिए कि जनता ने किसको कितने प्रतिशत वोट देकर पहले नंबर पर लाकर खड़ा किया हैं | यदि भाजपा को जनता ने मोदी के 5 वर्ष के कार्यकाल को पसंद किया हैं तो ज़ाहिर हैं देश में दुबारा उनकी सरकार बनना चाहिए |

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