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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के अगले क़दम से सरकार की मुश्किलें बढ़ी

लखनऊ,संवाददाता | कृषि क़ानून के विरोध में किसानों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन से सरकार की नींद उडी हुई है | केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन को और तेज करने और जयपुर-दिल्ली एवं यमुना एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की किसानों की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को शहर की सीमाओं पर जवानों की तैनाती बढ़ा दी और कंक्रीट के अवरोधक भी बनवाए हैं |

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर 12 दिनों से धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘हमने चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुलकर समर्थन किया था, क्योंकि हमें आशा थी कि वह किसानों की हित की बात करेंगे, लेकिन अब प्रधानमंत्री किसानों और गरीबों की बात नहीं सुन रहे हैं |

उन्होंने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री इस मामले में सीधे हस्तक्षेप नहीं करेंगे, तब तक किसानों की समस्या का हल नहीं होगी | सिंह ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के अलावा किसी से भी बात नहीं करेंगे | उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री या अन्य कोई अन्य मंत्री इस समस्या का हल नहीं कर सकते हैं | उनके अनुसार सिर्फ प्रधानमंत्री ही किसानों की समस्या का हल कर सकते हैं |

अधिकारियों की माने तो अब तक दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा है | ऐसे में यातायात में कोई बाधा भी नहीं है | लेकिन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमने उपयुक्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं | आंदोलन की अहम् भूमिका निभा रहे, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि राजस्थान और हरियाणा से किसान इकट्ठा हो रहे हैं और उनका ‘दिल्ली मार्च’ रविवार को शुरू होगा |

जैसा कि आप को मालूम है, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हजारों किसान बीते 16 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं | प्रदर्शन स्थलों पर यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इस लिहाज से भी कुछ उपाय किए गए हैं |
उन्होंने बताया कि दिल्ली यातायात पुलिस ने महत्वपूर्ण सीमाओं पर अपने जवानों को तैनात किया है ताकि आने-जाने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो सके | इसके अलावा यातायात पुलिस निरंतर ट्विटर के जरिए लोगों को खुले और बंद मार्गों की भी जानकारी दे रही है |

बताते चलें कि किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन का सरकार का प्रस्ताव बुधवार को ठुकरा दिया था | इसके साथ ही उन्होंने जयपुर-दिल्ली और यमुना एक्सप्रेसवे को शनिवार को अवरुद्ध कर अपने आंदोलन को धार देने की घोषणा की थी |

यातायात पुलिस ने शनिवार को यात्रियों को ट्वीट कर मंगेश, प्याऊ , सिंघू, औचंदी और मनियारी सीमाओं के बंद होने की जानकारी दी | लोगों को साबोली, लामपुर, सफियाबाद और सिंघू स्कूल टोल टैक्स सीमाओं से आने-जाने की सलाह दी गई है | यातायात पुलिस ने कहा कि मुकरबा और जीटीके रोड से वाहनों के मार्ग में परिवर्तन किए गए हैं, इसलिए लोगों को बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग -44 पर जाने से बचना चाहिए |

दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा और भोपुरा सीमाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है | यातायात पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि टिकरी और ढांसा सीमाएं भी यातायात के लिए बंद हैं | जबकि झटीकरा सीमा दो पहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुली हुई है |

किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा भी की थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो देशभर में रेल मार्गों को अवरुद्ध कर दिया जाएगा और इसके लिए जल्द ही तारीख घोषित की जाएगी |बहरहाल हरियाणा की ओर जाने वाले लोगों को झरोडा, दौराला, कापसहेड़ा, बडुसराय, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन-बाजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा सीमाओं से जाने को कहा गया है |

सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांच चरण की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद पिछले बुधवार को प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता निरस्त कर दी गई थी |

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