HomeWORLDएक रूपए की दवा सिखाएगी अब कोरोना वायरस को सबक़
एक रूपए की दवा सिखाएगी अब कोरोना वायरस को सबक़
आमना रिज़वी
आ गया कोरोना का विदाई का समय
लखनऊ ,संवाददाता | क्या आप सोच सकते हैं कि भारत में लगभग एक रूपए की क़ीमत में मिलने वाली दवा कोरोना वायरस को मुंह तोड़ जवाब देने में कारगार साबित होने जा रही है ? अगर नहीं जानते हैं तो इस खबर को ज़रूर पढ़ें और अपने जान पहचान वालों को खबर साझा भी ज़रूर करें ,क्योंकि आपके ऐसा करने से लोगों को लाभ पहुंचेगा और कोरोना वायरस से लोगों कों छुटकारा | अगर अमेरिका, चीन ,इज़राइल जैसे अन्य देश टेक्नालॉजी में बहुत आगे हैं तो हम भारतीय भी किसी क्षेत्र में पीछे नहीं | हालाँकि भारत में कोरोना का इलाज पहले ही बता दिया गया है ,आप कह सकते हैं कि कब बता दिया गया ? तो मैं आपको बताता चलूँ कि हमारे देश के डॉक्टर्स ने बता दिया है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने से कोरोना वायरस आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है ,इसके लिए आपको कौन सी दवा कौन से फल कौन सी सब्ज़ियां या कौन से घरेलु नुस्खे अपनाना है ,इन सारी बातों का ज्ञान आपको दिया जा चुका है | अगर ऐसा नहीं होता तो भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों को लाभ न हुआ होता और वो ठीक होकर अपने घर तक नहीं पहुंचते |कोरोना वायरस प्रभावित हर देश के वैज्ञानिक और डॉक्टर्स जी जान से कोरोना को हराने के लिए दवा बनाने की खोज में लगे हुए हैं | अमेरिका ,इज़राइल सहित कई देशों ने अक्टूबर तक कोरोना वायरस के वैक्सीन बना लिए जाने का दावा भी कर दिया है तो वहीँ हमारा भारत भी किसी देश से कम नहीं निकला ,और उसने भी हल्दी ,अदरक ,आंवला ,संतरा, काली मिर्च , दार चीनी और काढ़े सहित कुछ दवाओं के माध्यम से कोरोना को लगभग हरा दिया | पहले हमारे एलोपैथिक डॉक्टर्स ने मलेरिया के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्लोराइड पर भरोसा जताया। इसके बाद उन्हें रेमेडिसीवर दवा से उम्मीद नजर आई और अब वैज्ञानिकों को बदन और सिर दर्द की मामूली दवा आइबूप्रोफेन को लेकर सकारात्मक रुख अपना रहे हैं।
इस दवा की जब जानवरों पर रिसर्च की गई गई तो पाया गया कि आइबूप्रोफेन से कोरोना मरीजों के बचने की संभावना 80 प्रतिशत बढ़ सकती है। इसलिए वैज्ञानिकों ने इस पर भरोसा जताया है। ये बेहद सस्ती है। लंदन के गाइज एंड सेंट थॉमस हॉस्पिटल और किंग्स कॉलेज के डॉक्टरों की टीम का मानना है कि पेन किलर और एंटी इन्फ्लैमेटरी दवा इबुप्रोफेन की मदद से कोरोना मरीजों की सांस लेने की समस्या को दूर किया जा सकता है।
भारत ही नहीं ब्रिटेन के कुछ डॉक्टरों का भी मानना है कि इस सस्ती दवा से कोरोना मरीजों को राहत मिलेगी। इससे उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ट्रायल के दौरान आधे कोरोना मरीजों को सामान्य इलाज के साथ इबुप्रोफेन दवा दी जा रही है।
बताते चलें कि फ्रांस में इससे पहले कोरोना वायरस के शुरुआती दिनों में आइबूप्रोफेन के प्रयोग पर रोक लगा दी गई थी।
Post Views: 1,325