लखनऊ ,संवाददाता | अन्य ज़िलों में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के कल गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद आज उप्र, राजस्थान और बिहार के सैकड़ों लोगों ने सुबह हंगामा करते हुए सड़क का चक्का जाम
कर दिया। दरअस्ल गृह मंत्रालय ने दिए अपने आदेश में स्थित साफ़ करते हुए पहले ही नई गाईड जारी कर दी थी लेकिन घर वापसी की खबर सुनने के बाद अन्य राज्यों में फंसे लोगों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई | मानो दिल की मुराद पूरी हो गई हो,किसी को अपना घर याद आने लगा ,किसी को अपनी माँ तो किसी को अपनी संतान और अपनी पत्नी की याद सताने लगी |भले ही किसी को पहले अपनों की इतनी याद न आती हो लेकिन जब इंसान ख़ाली हो तो उसे अपनों की बहुत याद आती है | यही कारण हुआ जो अपने-अपने घरों को पहुंचने की होड़ में आज अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया और सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियाँ उड़ती हुई भी साफ़ नज़र आईं | पुलिस द्वारा समझाए जाने के बाद भी लोग घर जाने की मांग पर अड़े रहे। चक्काजाम किए जाने से मप्र और महाराष्ट्र सीमा में वाहनों की लंबी कतारें लग गई थीं। सूचना पर कलेक्टर अमित तोमर, एसपी डीओर तेनीवार व एसडीएम घनश्याम धनगर पहुंचे। करीब तीन घंटे चले हंगामे के बाद प्रशासन द्वारा लोगों की स्क्रीनिंग कर ई-पास बनाकर जाने दिया गया।
यही नहीं महाराष्ट्र-गुजरात राज्यों से आए करीब 1600 मजदूरों को बुधवार देर शाम मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर दतिया के जोहरिया गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोका था |प्रशसन द्वारा इनके लिए भोजन की व्ययवस्था न किये जाने के कारण ये भूखे-प्यासे मजदूर 20 घंटे बाद बसों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो सके |
मज़दूरों का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस से जब वो लोग पूछते हैं कि हमें क्यों रोका गया है तो उनका एक ही जवाब होता है , अभी बसें आने वाली हैं | इन हालात से मध्य प्रदेश का दतिया संकट से घिर गया है। दतिया अभी तक ग्रीन जोन में है, लेकि न यहां कई जगह से उत्तर प्रदेश की सीमा जुड़ी है। रोजाना सैकड़ों मजदूर यहां आ रहे हैं। उन्हें सीमा पर रोक दिए जाने से एक भी संक्रमित मजदूर जिले को रेड जोन में बदल देगा। ऐसी स्थित में हालात और खराब हो सकते हैं |