मीट कारोबारियों पर मीट बेचने पर लगी रोक हटाई जाए : खालिद रशीद फरंगी महली
मीट माफियाओं की तह तक क्यों नहीं पहुंच रही है पुलिस ?
ज़की भारतीय
लखनऊ ,संवाददाता | कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने जहाँ अन्य कारोबारों को प्रतिबंधित कर दिया था ,कार्यालय बंद करने का आदेश दे दिया था वहीँ मांस के कारोबार को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था | हालाँकि अब 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ कार्यालय खुलने के आदेश पारित किये जा चुके हैं ,यही नहीं गुटके और शराब की बिक्री पर लगे प्रतिबन्ध को भी हटा लिया गया है | लेकिन अभी तक मांस की बिक्री पर लगे प्रतिबन्ध को नहीं हटाया गया है,इसलिए इसकी बिक्री हर हाल में अभी तक अपराध है और जो ये अपराध करेगा उसको सजा भी मिलेगी | हालाँकि कसाइयों के लिए एक बात कही जाती है कि उनपर लाख पाबन्दी लगा दी जाए मगर वो हर हाल में ये धन्दा जारी रखते है और ये बात कसाइयों ने साबित भी कर दी |
निरंतर बाजारखाला पुलिस द्वारा मांस और इसके तस्करों को गिरफ्तार किया जा रहा है लेकिन फिर भी ये सिलसिला जारी है ,पहले तो बाजारखाला के कुछ पुलिसकर्मी स्वय इस अवैध करोबार में संलिप्त थे और इस अवैध कारोबार को बढ़ावा देने के लिए मुंह मांगी रक़म लेते थे मगर जब से इस अवैध कारोबार का एन इस लाइव न्यूज़ ने संज्ञान लेते हुए खबर दिखाई और उस खबर का संज्ञान भाजपा की एक जिला स्तर की महिला नेता नेहा सिंह ने लेते हुए इस पूरे प्रकरण की शिकायत संसद कौशल किशोर से की, साथ ही इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ से भी की गई |
गौरतलब है की आज फिर 100 किलो भैंस के मांस के साथ दो अभियुक्तों को पुलिस ने ऐशबाग स्थित वाटरवर्क्स रोड से वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है | एसीपी बाजारखाला अनिल कुमार से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस आज वाटरवर्क्स रोड पर वाहन चेकिंग कर रही थी ,तभी दो लोग अलग-अलग एक्टिवा से आते दिखाई दिए ,पुलिस के रोकने पर उनके चेहरे उतर गए और पुलिस ने उनसे गाड़ी के कागज़ात मांगे ,कागज़ात देखने के बाद भी पुलिस को शक हुआ तो उनकी गाड़ियों की तलाशी ली गई जिसमे दोनों अभियुक्तों के पास से भैस का 50 – 50 किलो मांस बरामद हुआ |
पकडे गए अभियुक्तों में बिल्लोचपुरा निवासी मोहम्मद मुतादिर और सराए आगा मीर निवासी मुबीन अहमद के नाम शामिल हैं | पकडे गए बिल्लोचपुरा निवासी मुतादिर का कहना है कि उसकी चौक में मीट की दुकान है ,जहाँ से वो मांस बेचता है जबकि दूसरे अभियुक्त ने बताया की वो धोबी का काम करता है और लॉकडाउन के कारण उसकी रोज़ी का माध्यम नहीं रहा इसलिए उसने भी मांस का काम शरू कर दिया जिससे उसके परिवार का पालन पोषण हो सके | लेकिन उसने ये नहीं बताया कि वो ये मांस किस्से खरीकर ला रहा था| उसने पुलिस को बताया कि रास्ते में किसी ने उसे मीट दिया और वो चला गया | बहरहाल इस कहानी को पुलिस ने तो गले से उतार लिया लेकिन ये बात समझ से परे है |
बहरहाल आजकल मांस की तस्करी इसलिए भी ज़ोरों पर है,क्योंकि आजकल मीट के कीमतें आसमान छू रही हैं|पहले बिकने वाला मीट 200 रूपए किलो हुआ करता था लेकिन आजकल जो मीट चोरी छिपे बेचा जा रहा है उसकी क़ीमत में अधिक वृद्धि हो गई है | अब 300 रूपए से लेकर 350 रूपए में मांस बेचा जा रहा है |