HomeINDIAग़मों के दौर में पूछे जो खैरियत मेरी,,,,,बड़ा सुकून ,बड़ा इत्मीनान मिलता...
ग़मों के दौर में पूछे जो खैरियत मेरी,,,,,बड़ा सुकून ,बड़ा इत्मीनान मिलता है |
राहुल गाँधी की प्रवासी मज़दूरों के साथ हमदर्दी से वित्त मंत्री नाराज़ क्यों ?
लखनऊ ,संवाददाता | कांग्रेस नेता राहुल गाँधी द्वारा सड़क किनारे प्रवासी मज़दूरों से की गई मुलाक़ात वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण को रास नहीं आ रही है | हम तो रोते हुए लोगों के आंसूं पोछेंगे नहीं ,लेकिन जब दूसरा पोछेगा तो हमें बर्दाश्त भी नहीं होगा , जी हाँ, यही बात वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण और राहुल गाँधी के मध्य पैदा हुई है |अपने आप तो वित्त मंत्री ने प्रवासी मज़दूरों से न तो मुलाक़ात कर उनकी परेशानियों को जाना और न ही उनके दर्द को साझा कर उनके आंसुओं को पोछा, लेकिन जब राहुल गाँधी ने उन प्रवासियों से भेंट की तो वित्त मंत्री अपना आप ही खो बैठीं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अक्रामक हो गईं। राहुल गांधी ने जिस दिन सड़क किनारे प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की थी ,उसी दिन से राहुल की वो तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होने लगी थीं | राहुल गाँधी की बढ़ती लोकप्रियता से नाराज़ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल के इस अंदाज पर तंज कसा है। राहत पैकेज की घोषणा करने के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में निर्मला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राहत पैकेज को प्रेस कांफ्रेंस को ड्रामा बता रही है लेकिन असली ड्रामेबाज वह खुद है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सड़क पर बैठकर मजदूरों से बात करके उनका समय खराब कर रहे थे। इससे अच्छा होता राहुल गांधी उनके बच्चों और सूटकेस को पकड़कर उनके साथ पैदल चलते तो उनको मदद मिलती।
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि मजदूरों के साथ बैठकर बातें करने से क्या होगा, मजदूरों के साथ बैठकर बातें करने के बजाय राहुल गांधी अपने मुख्यमंत्रियों को ज्यादा ट्रेनों के लिए क्यों नहीं कह रहे हैं, क्या ये ड्रामा नहीं है ? यही नहीं उधर बसपा सुप्रीमों व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी प्रियंका गाँधी पर1000 बसों को चलाए जाने की आज्ञा लिए जाने को लेकर व्यंग किया है |
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