लखनऊ, संवाददाता। स्टेट हाईवे के बेहतर रख रखाव के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही स्टेट हाईवे टोल कलेक्शन पालिसी लाने जा रही है, जिसके चलते राज्य राजमार्गों पर कमर्शियल वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाएगा । इस पॉलिसी के दायरे में स्टेट हाईवे भी आएंगे। जिनकी लंबाई 50 किलोमीटर या उससे अधिक है । दिसंबर के पहले हफ्ते में इसका औपचारिक आदेश जारी हो सकता है । पॉलिसी के लिए कंसलटेंट के चयन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। शुरुआत में इस प्रयोग को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ राजमार्गों पर लागू करने की योजना है । टोल टैक्स की वसूली का ठेका भी किसी निजी फर्म को ही दिया जाएगा। कमर्शियल वाहनों से वसूली करने के बाद सरकार यह भूल रही है कि जब कमर्शियल वाहन 50 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी के मध्य टूल टैक्स अदा करेंगे तो क्या वह टूल टैक्स का धन अपनी जेब से देंगे ? जाहिर है कि नहीं। कमर्शियल वाहन स्वामी सीधे तौर पर भाड़े को बढ़ा देगें और भाड़ा बढ़ने के बाद बहुत सी चीजों के दाम में तेजी से वृद्धि होगी, जिसकी मार उत्तर प्रदेश की जनता झेलेगी।
बहरहाल कंसलटेंट अध्ययन कर बताएगा कि टोल टैक्स की दर कितनी होगी और पहले चरण में किन मार्गों पर टोल टैक्स वसूला जाएगा। इसके लिए वाहनों की ज्यादा संख्या को आधार बनाया जाएगा ।कंसलटेंट की रिपोर्ट में यह भी ध्यान रखा जाएगा की टोल टैक्स ऐसे राजमार्गों पर ना लगाया जाए जहां कमर्शियल वाहनों की संख्या कम हो और खर्च भी नहीं निकल पाए। कंसंट्रेट को 4 से 6 महीने में शासन को रिपोर्ट देनी होगी, रिपोर्ट के आधार पर स्टेट हाईवे टोल कलेक्शन पॉलिसी बनाई जाएगी और इसे कैबिनेट में रखा जाएगा।