लखनऊ, 21 मई। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार देर रात एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत 14 आईएएस (IAS) और 6 पीसीएस (PCS) अधिकारियों के तबादले कर दिए। इस तबादले में कई जिलों के जिलाधिकारियों (DM) सहित वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर तैनात अधिकारियों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। यह कदम राज्य सरकार की 2025-26 की नई तबादला नीति के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात अधिकारियों को स्थानांतरित करना है।
आईएएस अधिकारियों के तबादले
दीपक कुमार, जो पहले से वरिष्ठ प्रशासनिक पद पर तैनात थे, को उनके वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ कृषि उत्पादन आयुक्त (APC), उत्तर प्रदेश शासन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।मंगला प्रसाद सिंह, जो हरदोई के जिलाधिकारी के पद पर तैनात थे, को बलिया का नया जिलाधिकारी बनाया गया है।अनुनय झा, जो महाराजगंज के जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत थे, को हरदोई का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है।संतोष कुमार शर्मा को महाराजगंज का नया जिलाधिकारी बनाया गया है।प्रवीण कुमार लक्षकार, जो बलिया के जिलाधिकारी थे, को संयुक्त प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के पद पर स्थानांतरित किया गया है।अपूर्वा दुबे, जो अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष थीं, को निदेशक, सूडा (SUDA) के पद पर नियुक्त किया गया है।कुलदीप मीणा को अलीगढ़ विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष (VC) बनाया गया है।जयेंद्र कुमार, जो सिद्धार्थनगर के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) थे, को मुख्य कार्यपालक अधिकारी, अयोध्या तीर्थ विकास परिषद और नगर आयुक्त, अयोध्या के पद पर तैनात किया गया है।
पीसीएस अधिकारियों के तबादले
प्रकाश चंद्र को अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), हाथरस के पद पर नियुक्त किया गया है।शिव नारायण को अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), बागपत के पद पर तैनात किया गया है।विनीत कुमार सिंह, जो पहले अन्य पद पर कार्यरत थे, को अपर जिलाधिकारी (नगर), गाजियाबाद बनाया गया है।हिमांशु वर्मा को अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व), गोरखपुर के पद पर स्थानांतरित किया गया है।उत्कर्ष श्रीवास्तव को नगर पद पर नियुक्त किया गया है।मृणाली अविनाश जोशी, जो गोरखपुर की संयुक्त मैजिस्ट्रेट थीं, को सिद्धार्थनगर का मुख्य विकास अधिकारी (CDO) बनाया गया है
तबादला नीति का पालन
ये तबादले उत्तर प्रदेश सरकार की 6 मई 2025 को मंजूर की गई 2025-26 की तबादला नीति के तहत किए गए हैं। इस नीति के अनुसार, एक जिले में 3 साल और मंडल में 7 साल की सेवा पूरी करने वाले अधिकारियों का तबादला अनिवार्य है। नीति के तहत समूह ‘क’ और ‘ख’ के 20% और समूह ‘ग’ और ‘घ’ के 10% कर्मचारियों का तबादला किया जाना है। इस फेरबदल से महाराजगंज, बलिया, हरदोई, और अन्य जिलों में प्रशासनिक कार्यों में नई गतिशीलता आने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार, यह तबादला अभियान प्रशासन को और चुस्त-दुरुस्त करने के लिए किया गया है। खास तौर पर अयोध्या जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर नए अधिकारियों की नियुक्ति से तीर्थ विकास और नगर प्रशासन को और मजबूती मिलने की संभावना है।