लखनऊ (सवांददाता) विवेक तिवारी की पुलिस द्धारा की गई हत्या के मामले में राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं | अभी इस मुद्दे पर कांग्रेस ने कैंडल मार्च करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा माँगा था तो आज पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विवेक हत्याकांड को लेकर पत्रकारवार्ता में कहा कि ब्राह्मणों का शोषण हो रहा है। विवेक हत्याकांड से सरकार सबक ले। उन्होंने कहा सतीश चंद्र मिश्र वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, इसलिए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए उन्हें भेजा है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को आवास पर बुलाने से काम नहीं चलेगा। मायावती ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार खानापूर्ति कर रही और घटना को दबा रही है |
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि इस समय प्रदेश की पुलिस रोको और ठोको अभियान चला रही है। उन्होंने इस हत्याकांड के बावत मांग की हैं कि मामले की एसआईटी जांच रिटायर्ड जज के सुपरविजन में होनी चाहिए। पुलिस मामले में शुरुआत से लीपापोती कर रही है।
इस कारण एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता। मैं और हमारे साथ के अधिवक्ता पीड़ित परिवार के साथ हैं। हम सुप्रीम कोर्ट तक परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगें। आज बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने पीड़ित परिवार के आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात के दौरान कहा कि इस दुख की घड़ी में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती सहित पूरी पार्टी उनके साथ है। इस मौके पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि अगर मैं मुख्यमंत्री होती तो सबसे पहले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई करती, उसके बाद ही पीडि़त परिवार से मिलती न कि मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह करती। उन्होंने कहा कि ïऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
विवेक तिवारी हत्याकांड को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश की योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में प्रदेश के ब्राह्मणों का शोषण हो रहा है। पूरे प्रदेश में भय का माहौल व्याप्त है। हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए लेकिन सरकार सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। मायावती लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही थीं। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। अब तक अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अगर मैं मुख्यमंत्री योगी की जगह होती तो अब तक अफसरों के खिलाफ एक्शन ले लेती।
योगी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और मदद का आश्वासन दिया। ऐसा करके सरकार किसी तरह मामले को दबाना चाहती है। सिर्फ इतना करने से ही काम नहीं चलेगा। जब प्रदेश की राजधानी में ये हाल है तो पूरे प्रदेश की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। मायावती ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश में अब कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं है।
चुनाव में भाजपा ने सपने दिखाए थे कि कानून का राज स्थापित होगा लेकिन हर वादे की तरह ये भी हवाहवाई साबित हुआ। मायावती ने कहा कि हमने सतीश चंद्र मिश्रा जी को पीड़ित परिवार से मिलने भेजा है। सतीश वकील हैं। अगर परिवार चाहे तो वह (सतीश) मामले की पैरवी करने के लिए भी तैयार हैं।