विकास दुबे इनकाउंटर में आपकी क्या है राय ?
ज़की भारतीया
विकास दुबे एनकाउंटर से पहले राजनीति,विकास दुबे इनकाउंटर के बाद राजनीति
लखनऊ, संवाददाता । विकास दुबे एनकाउंटर के बाद अब इस पूरे मामले पर राजनीतिक गलियारों में सियासत तेज़ हो गई है | वही सियासी पार्टियां जो विकास दुबे के इनकाउंटर से पहले प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिए हुई थी ,वो अब इनकाउंटर को संदिग्ध मान रही है | सियासी पार्टियों का कहना है ,जिसने खुद आत्म समर्पण किया हो वो भागने का प्रयास क्यों करेगा ? हालाँकि विपक्ष का ये आरोप किसी हद तक सही भी है | यही नहीं एक चैनल के मुताबिक़ एसटीएफ जिस गाड़ी से विकास पांडेय को ला रही थी ,उस गाड़ी सहित पुलिस के काफिले को एक स्थान पर रोका गया और चैनल की गाड़ी को रोक दिया गया | जिसके बाद इनकाउंटर की खबर आई | इस तरह के कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिससे इनकाउंटर पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं |
लेकिन ये भी सत्य है ,विकास दुबे ने जो अपराध किये थे उसका शायद यही अंत होना था | भले ही ये इनकाउंटर फ़र्ज़ी निकले, लेकिन ये भी संभव है कि ये इनकाउंटर सही हो | अभी इस मामले में अपनी तरफ से राय क़ायम करना अनुचित होगा | इसलिए इस इनकाउंटर पर सवाल उठाना बंद किये जाने चाहिए और पुलिस की सराहना की जानी चाहिए कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को फरार नहीं होने दिया और आत्म रक्षा में चली गोलियों से आज के एक रावण का अंत हो गया | इस खतरनाक अपराधी के खतरनाक अंत के बाद अब टॉप – 10 अपराधियों में दहशत व्याप्त हो चुकी होगी | भारत को भयमुक्त करने के लिए ऐसे अपराधियों को जेल कि सलाखों के पीछे होना चाहिए | यहीं नहीं ऐसे अपराधियों का जेल से चलने वाला नेटवर्क भी खत्म कर देना चाहिए ,जिससे ऐसे अपराधी जेल में रहने के बाद भी आंतक का प्रयाय न बन सकें | आज जो राजनीतिक दल प्रदेश की भाजपा सरकार पर अपराधियों से सांठ गांठ का आरोप लगा रही हैं उन्हें भी अपने गिरेबान में झाँकने की ज़रूरत है |
विकास दुबे के खात्मे के बाद अब ये ज़रूरी है कि उन पुलिस अधिकारीयों और नेताओं के विरुद्ध ,जिनके विकास दुबे से मधुर सम्बन्ध थे , निष्पक्ष जाँच के बाद सख्त कार्रवाई होना चाहिए | उन पुलिस कर्मियों को फाँसी के तख्ते तक ले जाना चाहिए ,जिन्होंने विकास को मुखबरी करके अपने ही पुलिस कर्मियों की हत्या करवाने में अहम भूमिका निभाई है |
हालंकि विपक्ष का आरोप है कि बड़े राजनीतिक पदों पर बैठे लोगों को बचाने के लिए एनकाउंटर कर दिया गया। मप्र के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने भी विकास दुबे एनकाउंटर को संदेहास्पद बताते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की है।
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए विकास दुबे एनकाउंटर पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा है कि लोगों के नाम उजागर न हो इसलिए एनकाउंटर किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकाल मंदिर से विकास दुबे को पकडऩे के बाद उसे उज्जैन कोर्ट में क्यों पेश नहीं किया गया और यूपी पुलिस को सौंप दिया।
पीसी शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और मप्र के प्रभावशाली लोगों के संबंध विकास दुबे के साथ थे, इसलिए उसका एनकाउंटर करवा दिया गया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि विकास दुबे एन्काउन्टर की सीबीआई जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मप्र के उज्जैन तक विकास दुबे कैसे पहुँचा इसकी भी जांच हो। उत्तरप्रदेश – मध्यप्रदेश के नेताओं के विकास दुबे से सम्बंध थे।
यही नहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भी विकास दुबे के सरेंडर पर सवाल खड़े किए है। सरेंडर करने वाला पुलिस पर गोली क्यों चलाएगा ?
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