लखनऊ, 9 मई । लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एक 16 वर्षीय किशोरी की इलाज के अभाव में मृत्यु हो गई, जिसने उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह घटना गुरुवार, 8 मई 2025 को देर रात हुई, जब किशोरी को गंभीर हालत में अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती किया गया था। परिजनों का आरोप है कि दो दिनों तक उचित उपचार न मिलने के कारण किशोरी की जान चली गई।
लखनऊ के गोमती नगर की रहने वाली किशोरी को बुखार, सांस लेने में तकलीफ, और सीने में दर्द की शिकायत के बाद 6 मई को लोहिया संस्थान में भर्ती किया गया था। परिजनों के अनुसार, अस्पताल में डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद उसे सामान्य वार्ड में रखा, लेकिन 48 घंटों तक कोई गहन जांच या विशेषज्ञ उपचार नहीं किया गया। 8 मई की रात उसकी हालत बिगड़ गई, और उसे आईसीयू में स्थानांतरित करने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, किशोरी को संभावित रूप से कार्डियक अरेस्ट या फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हुआ था, जिसका समय पर निदान नहीं हो सका।
परिजनों का आरोप
रिया के पिता ने बताया कि अस्पताल में स्टाफ की कमी और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उनकी बेटी की जान गई। उन्होंने कहा, “हमने कई बार डॉक्टरों से गंभीरता से जांच करने की गुहार लगाई, लेकिन हमें केवल दवाइयां देकर टाल दिया गया।” परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
पुलिस कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही गोमती नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत किया। पुलिस ने अस्पताल प्रशासन से प्रारंभिक जानकारी ली और मृत्यु के कारणों की जांच शुरू कर दी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो मृत्यु के सटीक कारण का खुलासा करेगी। गोमती नगर थाने के प्रभारी ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर अस्पताल के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है।
विपक्ष का हमला
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस घटना को योगी सरकार की स्वास्थ्य नीतियों की विफलता करार दिया है। सपा नेता अखिलेश यादव ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “लोहिया संस्थान जैसी प्रमुख संस्था में इस तरह की लापरवाही शर्मनाक है। सरकार तुरंत दोषियों पर कार्रवाई करे।
अस्पताल का पक्ष
लोहिया संस्थान के प्रवक्ता ने दावा किया कि किशोरी को भर्ती होने के बाद सभी आवश्यक उपचार दिए गए थे, लेकिन उसकी स्थिति पहले से ही गंभीर थी। उन्होंने कहा कि मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है।यह घटना लखनऊ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर करती है। परिजनों और नागरिकों ने सरकार से मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।