लखनऊ आरटीओ में रिश्वत का खेल जारी, अब 150 नहीं 225 बनाए जाएंगे ड्राइविंग लाइसेंस
ज़की भारतीया
लखनऊ,संवाददाता | प्रदेश की योगी सरकार ने 24 प्रकार के सरकारी सेवाओं को लेकर आज बड़ा ऐलान किया है | राज्य के परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों को और राहत प्रदान करते हुए अब हर रोज 300 लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन टेस्ट कराए जाने का फैसला लिया है | हालाँकि लखनऊ के आरटीओ में 300 लर्निंग पहले ही से बनाए जाने का सिलसिला जारी है |
ये बात अलग है कि प्रतिदिन लखनऊ आरटीओ में अभी 150 स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे थे जिसे बढाकर 225 कर दिया गया है | परिवहन विभाग के अनुसार नई व्यवस्था फिलहाल लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा परिवहन कार्यलयों में शुरू की गई है |
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के मुताबिक़ लाइसेंस बनवाने वालों को अभी कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ,इसीलिए स्थाई लाइसेंस की संख्या में वृद्धि की जा रही है , लेकिन प्रदेश के अधिकतर आरटीओ में हो रहे भ्रष्टाचार से आँख मूंदे परिवहन विभाग प्रदेश की योगी सरकार को भी अँधेरे में रखे हुए है | अकेले स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस या फिर लर्निंग को लेकर ही आरटीओ कार्यालय प्रतिदिन लाखों रूपए की रिश्वत से अपनी जेबें गर्म कर रहा है | जो लोग रिश्वत देते हैं उनके लर्निंग बिना परीक्षा के बहुत आसानी से बन जाते हैं ,लेकिन रिश्वत बिना लर्निंग बनवाने वालों के लिए लर्निंग एक स्वप्ने के अलावा कुछ भी नहीं है |
बिना परीक्षा और बिना टेस्ट बनते हैं लखनऊ आरटीओ में लाइसेंस
6 नवम्बर 2020 को जब लखनऊ के आरटीओ हमारे संवाददाता पहुंचे और वहां का जाएज़ा लिया तो पीड़ितों ने बयान देकर आरटीओ की पूरी दास्ताँ बयान की | जिन स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट आर आई को लेना चाहिए ,वो टेस्ट आरआई का एक निजी व्यक्ति लेते हुए नज़र आया ,जो कार्यालय में कार्यरत भी नहीं था | आर आई से जब इस संबंध में प्रश्न किया गया तो उनके पास कोई उत्तर ही नहीं था | यही नहीं उस समय लगभग 3 बज रहा था और आरआई साहब हाई कोर्ट से आए थे | उनका कहना था कि वो हाई कोर्ट से आ रहे हैं इसलिए अभी तक कोई टेस्ट ही नहीं हुआ है जबकि वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि उनका नंबर 6 है और 5 लोगों के स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस बन चुके हैं | इसी तरह लर्निंग बनवाने वालों की क़तार लगी हुई थी और उनका भी ये कहना था कि कुछ लोगों के लर्निंग बिना परीक्षा के ही बना दिए गए हैं |
कैसे बन सकते हैं एक दिन में 300 लर्निंग और 150 स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस ?
6 नवम्बर तक तो लखनऊ आरटीओ में 300 लर्निंग और 150 स्थाई लाइसेंस बनाए जाने का प्राविधान था और इस संख्या के मुताबिक़ आरआई लगभग 3 बजे अपने कार्यालय पहुंचे थे और उनको 150 स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस का ट्रायल लेना था | बताते चलें कि कोई भी ट्रायल 20 से 25 मिनट की कम अवधी से पहले नहीं होता है ,इसलिए अगर एक व्यक्ति के 20 मिनट ही मान लिए जाएं तो 150 लोगों को 20 से गुणा करने पर 3000 मिनट होते हैं मतलब 150 स्थाई लाइसेंस के लिए 50 घंटे की ज़रूरत होती ,लेकिन आरआई के पास मात्र 3 घंटे शेष रह गए थे | पता किया तो जानकारी मिली कि 6 नवम्बर को आरआई साहब ने 119 स्थाई लाइसेंस बना डाले और 300 लर्निंग में 284 लोगों के लर्निंग पर भी हस्ताक्षर कर डाले जबकि मैं अभी लर्निंग की परीक्षा की बात नहीं कर रहा हूँ |
स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या में वृद्धि या और कमाई का जरिया?
150 स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस का ट्रायल लेने में जब 50 घंटे की ज़रूरत हो रही है तो अब 225 स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस बनने में जब 75 घंटे की ज़रूरत पड़ेगी जिसके लिए कम से कम 9 दिन से भी अधिक समय चाहिए होगा | इसलिए स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या में वृद्धि करने से लोगों के लाइसेंस तो नहीं लेकिन आरआई सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की अवैध वसूली ज़रूर बढ़ जाएगी | ख़बर में लिखी गई हर बात के साक्ष्य उपस्थित हैं जिसे हम परिवहन आयुक्त धीरज साहू के साक्षात्कार के बाद अपने ns live news youtube channel पर दिखाएंगे |
ये होगी अब आसानी
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त धीरज साहू के मुताबिक राज्य में जनहित गारंटी अधिनियम के तहत विभाग की 24 सेवाएं शामिल की गई हैं | ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर वाहनों और व्यवसायिक वाहनों के पंजीकरण की नई व्यवस्था में डीलरों पर अब यह बाध्यता नहीं रह गई है कि वे वाहनों के पंजीयन के लिए मूल दस्तावेज आरटीओ ऑफिस पहुंचाएं. फिलहाल लखनऊ और गाजियाबाद में पेपरलेस व्यवस्था की शुरुआत की गई है | इसके लिए बल्कि वाहनों के दस्तावेज डीलर्स अब ऑनलाइन ही परिवहन कार्यलयों में भेजेंगे और सत्यापित होने के बाद वाहनों का पंजीयन नंबर मिल जाएगा |
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