लखनऊ, 7 जून। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने “मैच फिक्सिंग” के जरिए धांधली की थी और अब वही रणनीति बिहार में दोहराने की तैयारी है। राहुल गांधी ने यह बयान नई दिल्ली में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित अपने लेख “मैच फिक्सिंग महाराष्ट्र” के माध्यम से दिया, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी साझा किया।राहुल गांधी ने अपने लेख में पांच चरणों में कथित धांधली की प्रक्रिया को विस्तार से बताया।
चुनाव आयोग की नियुक्ति में हेराफेरी: 2023 में केंद्र सरकार द्वारा संशोधित कानून के जरिए चयन समिति में बदलाव कर “अंपायरों” को नियंत्रित करने का दावा।
फर्जी मतदाता जोड़ना: मतदाता सूचियों में फर्जी नाम शामिल करना।
मतदान प्रतिशत में हेराफेरी: वोटिंग प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना, खासकर अंतिम दो घंटों में 7.83% की असामान्य वृद्धि, जो 76 लाख वोटों के बराबर है।
लक्षित फर्जी मतदान: बीजेपी को जिताने के लिए चुनिंदा बूथों पर फर्जी वोटिंग ।
सबूत छिपाना: धांधली के सबूतों को नष्ट करना या छिपाना।राहुल ने कहा, “महाराष्ट्र में बीजेपी की हताशा साफ थी। यह धांधली ‘मैच फिक्सिंग’ की तरह है, जो लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करती है और जनता का भरोसा तोड़ती है। यह साजिश अब बिहार में दोहराई जाएगी।” उन्होंने जनता से सबूत देखने और जवाब मांगने की अपील की।
चुनाव आयोग और बीजेपी का तीखा पलटवार
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को “निराधार” और “कानून का अपमान” बताते हुए खारिज किया। आयोग ने कहा कि 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को विस्तृत जवाब दिया गया था, जो उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है। आयोग ने इसे “चुनाव कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने वाला” और “राजनीतिक दलों के हजारों प्रतिनिधियों को बदनाम करने वाला” कदम बताया।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल के बयान को “बिहार में हार की स्वीकारोक्ति” करार दिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को तथ्य समझने और झूठ बोलना बंद करने की जरूरत है।” वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने आरोपों को “फर्जी” बताया और कहा, “महाराष्ट्र की जनता जानती है कि कौन काम कर रहा है। जनता बिहार में भी इसका जवाब देगी।
बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे “कांग्रेस की हताशा” और “फर्जी कहानियां” करार दिया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “राहुल गांधी हर हार के बाद लोकतंत्र पर सवाल उठाते हैं।” जेडीयू नेता ललन सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान ने भी राहुल के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह उनकी “हार का डर” है।
लखनऊ में सियासी हलचल
लखनऊ में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल को गरमाने की कोशिश है। कुछ का कहना है कि बिना ठोस सबूतों के बार-बार धांधली के आरोप लगाना कांग्रेस की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है। दूसरी ओर, कांग्रेस समर्थक मानते हैं कि राहुल का यह बयान समय से पहले दिया गया है, जो बिहार में संभावित अनियमितताओं पर नजर रखने की रणनीति हो सकती है। यदि चुनाव आयोग इन आरोपों पर संज्ञान नहीं लेता और बिहार में बीजेपी गठबंधन की प्रचंड जीत होती है, तो ये आरोप भविष्य में सही साबित हो सकते हैं।
राहुल गांधी ने इससे पहले अप्रैल 2025 में अमेरिका के बोस्टन में भी चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव के मतदान आंकड़ों पर संदेह जताया था। 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 288 में से 235 सीटें जीती थीं, जिसमें बीजेपी को 132 सीटें मिली थीं। यह जीत कांग्रेस और INDIA गठबंधन के लिए बड़ा झटका थी। बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं, और राहुल के इस बयान ने पहले ही सियासी टकराव को तेज कर दिया है।
राहुल गांधी का यह बयान न केवल बीजेपी और चुनाव आयोग के साथ टकराव को दर्शाता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर जनता का भरोसा बनाए रखने की चुनौती को भी उजागर करता है। बिहार में चुनाव से पहले इस तरह के आरोपों ने राजनीतिक माहौल को और जटिल कर दिया है।