लखनऊ, 21 मई । उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में आज सुबह 10:00 बजे भारतीय वायुसेना ने गंगा एक्सप्रेसवे पर एक प्रभावशाली टच-डाउन ड्रिल आयोजित की। यह अभ्यास आपातकालीन परिस्थितियों में हाईवे को रनवे के रूप में उपयोग करने की रणनीतिक तैयारी का हिस्सा था। सुबह 9:30 बजे से गंगा एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा यातायात के लिए बंद कर दिया गया, और ड्रिल सुबह 10:00 बजे शुरू हुई, जो दोपहर 3:00 बजे तक चली। इस ड्रिल में राफेल, सुखोई-30 MKI, और मिराज-2000 जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स शामिल थे, जिन्होंने हाईवे पर सफलतापूर्वक टच-डाउन और टेक-ऑफ का प्रदर्शन किया।वायुसेना के प्रवक्ता के अनुसार, यह ड्रिल राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने और युद्धकालीन परिस्थितियों में वैकल्पिक रनवे की व्यवहार्यता को परखने के लिए आयोजित की गई। गंगा एक्सप्रेसवे, जो उत्तर प्रदेश के प्रमुख हाईवे में से एक है, अपनी लंबाई और मजबूती के कारण इस अभ्यास के लिए उपयुक्त चुना गया। सुबह 10:15 बजे पहला राफेल जेट हाईवे पर उतरा, जिसे देखने के लिए स्थानीय लोग और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। ड्रिल के दौरान, वायुसेना ने लॉजिस्टिक्स, संचार, और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों का भी परीक्षण किया। दोपहर 1:30 बजे तक, कुल छह जेट्स ने टच-डाउन और टेक-ऑफ पूरा किया, और अभ्यास में कोई तकनीकी खराबी नहीं देखी गई।यह ड्रिल शाहजहाँपुर और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय रही। स्थानीय लोगों ने इसे गर्व का क्षण बताया, लेकिन कुछ ने हाईवे बंद होने से हुई असुविधा पर नाराजगी जताई। प्रशासन ने सुबह 8:00 बजे से यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया था, और दोपहर 3:30 बजे तक हाईवे सामान्य यातायात के लिए खोल दिया गया। वायुसेना ने इस अभ्यास को “सफल और महत्वपूर्ण” करार दिया, और कहा कि यह भविष्य में अन्य राज्यों में भी ऐसे अभ्यासों की योजना का हिस्सा है।ड्रिल के दौरान, सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, और स्थानीय प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। यह अभ्यास भारत की रक्षा तैयारियों को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। शाम 5:00 बजे तक, वायुसेना की टीमें उपकरण समेटकर वापस बेस की ओर रवाना हो गईं।