लखनऊ, 14 अक्टूबर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने आज सुबह 9 बजे अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी, जिसमें 71 नाम शामिल हैं, जो एनडीए की मजबूत रणनीति को दर्शाती है। सूची में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को बेलागंज से, पूर्व मंत्री मंगल पांडे को पटना साहिब से टिकट मिला, जबकि विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा का टिकट कटने से पार्टी में हलचल मच गई। एनडीए की सीट बंटवारे के तहत भाजपा को कुल 101 सीटें मिली हैं, जबकि जेडीयू को भी 101 और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 29 सीटें आवंटित की गईं। यह सूची अंतिम नहीं है, और अगली लिस्ट जल्द जारी होगी, जिसमें विवादित सीटों पर अंतिम फैसला होगा। विपक्षी महागठबंधन ने इसे जल्दबाजी का फैसला बताते हुए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, जबकि भाजपा ने कहा कि यह स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करने का प्रयास है। चुनाव आयोग ने नवंबर में दो चरणों में मतदान की अधिसूचना जारी की है—पहला चरण 6 नवंबर को 121 सीटों पर, दूसरा 11 नवंबर को 122 सीटों पर, और रिजल्ट 14 नवंबर को। सूची में मौजूदा विधायकों को प्राथमिकता दी गई, लेकिन कुछ प्रमुख बदलाव जैसे स्पीकर का टिकट कटना पार्टी के भीतर असंतोष पैदा कर सकता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह सूची विकास और सामाजिक न्याय पर आधारित है, और एनडीए 243 में से पूर्ण बहुमत हासिल करेगा। महागठबंधन ने इसे भाजपा की कमजोरी बताया, और सीट शेयरिंग पर अपनी बैठकें तेज कर दीं। यह घोषणा बिहार की सियासी गतिविधियों को नई गति देगी, जहां जातिगत समीकरण और विकास मुद्दे प्रमुख रहेंगे।
विधायक विभा देवी और प्रकाश वीर ने विधानसभा से दिया इस्तीफा
बिहार चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को बड़ा झटका लगा, जब नवादा से विधायक विभा देवी और राजौली से प्रकाश वीर ने विधानसभा
से इस्तीफा देकर जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए। विभा के पति राज बल्लभ यादव की रिहाई के बाद परिवार का झुकाव नीतीश की ओर था, जबकि प्रकाश ने तेजस्वी की यात्रा में अपमान का हवाला दिया। दोनों नवादा और राजौली से जेडीयू टिकट पर लड़ेंगे। स्पीकर ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया, और आरजेडी ने इसे विश्वासघात बताया। यह घटना महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़ी कर रही है।



