एसएसपी कलानिधि नैथानी के कुशल नेतृत्व में शांतिपूर्वक निकले लखनऊ के जुलुस
तेरी मारेफ़त है किसको करे कौन तेरी मिदहत| सभी ख़ाक के हैं पुतले कोई भी खुदा नहीं है||
ज़की भारतीय
लखनऊ, (संवाददाता) मुसलमानों के आखरी पैगम्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा (स.अ.व .व.) की वफ़ात के मौके पर आज वैसे तो पूरे भारत में जुलूसे मोहम्मदी पूरी अक़ीदत के साथ निकाला जाता है ,लेकिन लखनऊ में जहाँ जुलूसे मोहम्मदी निकाला जाता है वहीँ जुलूसे मदहे सहाबा का जुलुस भी पूरी शानो शौकत के साथ बरामद होता है |आज जहाँ ईद-ए-मिलादुन्नबी का जुलुस सबसे पहले चौक स्थित दरगाह हजरत मख्दूम शाहमीना शाह से बरामद हुआ वहीँ अमीनाबाद पार्क से सुबह 11 बजे जुलूसे मदहे सहाबा निकाला गया | उधर काजी-ए-शहर मुफ्ती इरफान मियां फरंगी महली ने जश्न-ए-मिलादुन्नबी को खिताब करते हुए रसूले पाक के बताए हुए रारतों पर अमल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूरी इंसानियत के लिए 12 रबीउल्ल अव्वल का दिन रहमतों व बरकतों वाला है। इसके बाद कारी सद्रे आलम और कारी यार मुहम्मद ने नात-ए-पाक पेश की, बाद में दरगाह परिसर से जुलूस के बाहर निकलने का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे आगे काजी-ए-शहर की शाही सवारी, जिसके पीछे बाकी अंजुमन नबी की शान में सलाम पढ़ती चल रही थी। रास्ते में कई जगह फूलों की बारिश कर अंजुमन में शामिल लोगों का इस्तकबाल किया गया।
दरगाह के पास कई जगह सबीलें लगाई गई, जिसमें जायरीनों को लंगर बांटा गया। जुलूस में शामिल होने के लिए शहरभर से अंजुमन अपने-अपने परचम के साथ दरगाह पहुंची। इस जुलुस में मौलाना शम्स तबरेज,रविदास मेहरोत्रा , डॉ. एहसान उल्लाह,,शेख शाकिर अली मीनाई , सैयद इकबाल हाशमी, अफ्फान मियां फरंगी महली समेत कई और लोगों ने शिरकत की ।