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बाबर के नाम पर मस्जिद का निर्माण होने पर पूरी ताकत से होगा विरोध :आचार्य सत्येंद्र दास

दान की भूमि पर मस्जिद नहीं बन सकती :महंत संत परमहंस 

लखनऊ,संवाददाता |सुन्नी वक्फ बोर्ड की और रौनाह से में निर्माण होने वाले मस्जिद के लिए ट्रस्ट का ऐलान होने के बाद इसके गठन को लेकर लोगों की नाराजगी सामने आने लगी है | बाबरी मस्जिद की तरफ से बने ट्रस्ट में अयोध्या के किसी भी मुसलमान का नाम न रक्खे जाने से अयोध्या के मुसलमानों में खासी नाराज़गी देखने को मिल रही है | इस मामले में पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी और हाजी महबूब ने कहा कि ट्रस्ट बनाने में न तो उनसे कोई बात की गई और न ही कोई राय ली गई | उन्होंने कहा किन ही वो इसमें शामिल होना चाहते हैं | बताते चलें कि 15 सदस्य इस ट्रस्ट में 9 सदस्यों के नाम घोषित किए गए हैं | इसमें मुख्य भूमिका बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारुकी की है | बाबरी मस्जिद के पक्ष में लड़ने वाले हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी का कहना है की मस्जिद बनाने के लिए घोषित ट्रस्ट में अयोध्या के किसी मुसलमान को जगह नहीं दी गई यही नहीं रौनाही के धनीपुर में जहां मस्जिद बनेगी वहां के लोगों को भी नज़रअंदाज़ किया गया है | उनका कहना है कि अब्दुल रहमान, फारूक अहमद, मौलाना बादशाह खान, मिसबाहुद्दीन और हाजी महबूब को नज़रअंदाज़ किया गया है |उन्होंने कहा कि हमने तो पहले ही कह दिया था कि वह बोर्ड की अयोध्या से बाहर बनने वाली मस्जिद से उनका कोई लेना-देना नहीं होगा | बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हाजी महबूब का कहना है कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को कोर्ट से अधिकार मिला है कि वे जिसको चाहे रखें या ना रखें हमारा कोई मतलब नहीं है | यही नहीं हाजी महबूब सहित कई मुस्लिम धर्मगुरु पहले भी मस्जिद के लिए दी गई जगह को लेकर नाराज थे और अब इसमें ना शामिल किए जाने को लेकर बेहद नाराजगी है |
अयोध्या के धनीपुर गांव रौनाही में मिली जमीन को लेकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने प्रेस का ऐलान कर दिया है बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारुकी ने बताया कि इसका नाम इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन रखा गया है | इस प्रेस के तहत जमीन पर मस्जिद और आम लोगों के लिए अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा | हालाँकि राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि उनको जो मन करे वह बनवाएं लेकिन बाबर के नाम पर मस्जिद का निर्माण नहीं हो सकता | उन्होंने कहा कि ऐसा होता है तो पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा | तपस्वी छावनी के महंत संत परमहंस ने मुसलमानों को नई बात बताते हुए कहा है कि दान की भूमि पर मस्जिद नहीं बन सकती | क्योंकि उस पर की गई इबादत कबूल नहीं होगी ,इसलिए उन्होंने राय दी है कि वहां पर अस्पताल विद्यालय खोलें और अगर ऐसा होता है तो उन्होंने सबसे पहले सवा लाख रुपए का दान भी देने की घोषणा की है |

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