लखनऊ ,संवाददाता | इंटरनेट पर कोरोना से ठीक हो चुके मरीज़ों के खून की अवैध रूप से बिक्री किये जाने का मामला प्रकाश में आया है | जैसे -जैसे कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे इलाज का एक नया तरीक़ा सामने आता जा रहा है | ये सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि कोरोना के इलाज और वैक्सीन के नाम पर मरीजों के खून को डार्कनेट पर बेचा जा रहा है, ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है | डार्कनेट पर मौजूद सेलर अलग-अलग देशों से शिपिंग करके विदेशों में डिलीवरी करा रहे हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार , जिंदगी भर के लिए कोरोना से इम्यून बनाने के दावे के साथ कोरोना मरीजों के ब्लड को लाखों रुपये में बेचा जा रहा है | एक लीटर ब्लड का दाम 10 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। मरीजों के प्लाज्मा के जरिए अन्य मरीजों के इलाज से जुड़ी कुछ रिपोर्टें सामने आई हैं, जिसके आधार पर खून कि बिक्री जारी है लेकिन प्लाज्मा थेरेपी के खतरे भी हैं और इससे लोगों की जान भी जा सकती है, डॉक्टर प्रयोग के तौर पर कुछ खास परिस्थिति में ही इस थेरेपी को आजमा रहे हैं,लेकिन इसके द्वारा कोरोना वायरस का इलाज शतप्रतिशत लाभ पहुंचाएगा ये ज़रूरी भी नहीं |