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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कांग्रेस पर कार्रवाई से लखनऊ में सियासी तापमान बढ़ा

लखनऊ, 17 अप्रैल । नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई ने लखनऊ में सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है। 9 अप्रैल 2025 को ईडी द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद, लखनऊ में नेशनल हेराल्ड की 64 करोड़ रुपये की संपत्ति, नेहरू मंजिल, को अटैच कर लिया गया। इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में 16 और 17 अप्रैल को तीखे विरोध प्रदर्शन किए, जिसके दौरान पुलिस के साथ हल्का तनाव और कुछ कार्यकर्ताओं की हिरासत की खबरें सामने आईं। हालांकि, सोनिया गांधी ये राहुल गांधी की गिरफ्तारी की कोई पुष्ट जानकारी नहीं है।ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में 2012 में जांच शुरू की थी, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल गांधी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया।

प्रमुख घटनाक्रम इस प्रकार हैं

ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी से दिल्ली में कई बार पूछताछ की। नवंबर 2023 में, दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया।
9 अप्रैल 2025: ईडी ने 988 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल की। इसमें यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38% हिस्सेदारी है, पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को 50 लाख रुपये में हस्तांतरित करने का आरोप है।
11 अप्रैल 2025: लखनऊ में 1, बिशेश्वर नाथ रोड पर स्थित नेहरू मंजिल पर नोटिस चस्पा किया गया, और 16 अप्रैल को इसे पूरी तरह अटैच कर लिया गया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हिरासत

16 और 17 अप्रैल को लखनऊ में ईडी दफ्तर के घेराव के दौरान 50-60 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। युवा कांग्रेस नेता शेषनारायण गुप्ता ने दावा किया कि उन्हें ईको गार्डन ले जाया गया।
इस मामले पर कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए लखनऊ में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए।

मोदी-शाह जब डरता है,
ईडी को आगे करता है”

आज उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस मध्य के कार्यकारी अध्यक्ष अंकित तिवारी के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन हुआ। कार्यकर्ताओं ने “मोदी-शाह जब डरता है, ईडी को आगे करता है” जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन ज्यादातर शांतिपूर्ण रहा, लेकिन पुलिस ने सख्ती बरती।

इस प्रदर्शन को दबाने के लिए लखनऊ पुलिस ने भारी बल तैनात किया। हल्की धक्का-मुक्की के बाद कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, लेकिन हिंसक टकराव की कोई खबर नहीं है।

अन्य शहरों में प्रदर्शन

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और सांसद दीपेंद्र हुड्डा सहित कई नेताओं को सेक्टर 3 थाने में हिरासत में लिया गया।
तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
दिल्ली के ईडी दफ्तर और कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की।
कृष्णागिरी (तमिलनाडु): सांसद के. गोपीनाथ के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ।
शिमला के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू और अन्य नेताओं ने ईडी दफ्तर के बाहर विरोध किया।

इस पूरे मामले पर ईडी का आरोप है कि कांग्रेस ने AJL की संपत्तियों को यंग इंडियन में हस्तांतरित कर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की। कांग्रेस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” है। जयराम रमेश ने दावा किया कि यह गुजरात और बिहार चुनावों से पहले राहुल गांधी को निशाना बनाने की साजिश है।

कानूनी स्थिति

ईडी की चार्जशीट पर अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को होगी। कोर्ट ने ईडी से केस डायरी पेश करने को कहा है।
लखनऊ में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन तीखा रहा, जिसमें कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर नारेबाजी की। पुलिस की सख्ती के बावजूद प्रदर्शन ज्यादातर शांतिपूर्ण रहे। यह मामला सियासी तौर पर गर्माता जा रहा है, और कोर्ट की सुनवाई के साथ विरोध प्रदर्शन और तेज होने की संभावना है।

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