लखनऊ (सवांददाता) प्रदेश में अब तक 5000 पुलिस मुठभेड़ हुई हैं जिनमें 62 अपराधी मारे गए और मुठभेड़ के दौरान 2000 इनामी बदमाश भी पकड़े गए। अब प्रदेश के हर जिले में टॉप-3 और हर थाने में टॉप-10 अपराधियों की सूची बनाकर उन पर कार्रवाई होगी| ये बयान आज यूपी के बांदा जिले में पहुंचे डीजीपी ओपी सिंह ने दिया है। वह बांदा में प्रदेश के पहले ई-मालखाना का उद्घाटन करने पहुंचे थे। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने यह भी कहा कि अपराधियों द्वारा अवैध ढंग से अर्जित की गई 197 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को जब्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब भूमाफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कई स्थानों पर इनकी अवैध संपत्ति भी जब्त की गई है। शनिवार को यहां एक दिवसीय दौरे पर बांदा आए महानिदेशक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता प्रदेश में कानून व्यवस्था बरकरार रखना है। पुलिस के शिकंजे से अब तक बचे हुए अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए पिछले करीब 8 से 10 माह से अभियान जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ों के दौरान पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में चलाई गई गोली में प्रदेश में अब तक 62 अपराधी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस का उद्देश्य अपराधियों की गिरफ्तारी है। ओम प्रकाश सिंह ने दावा किया कि मुठभेड़ या गिरफ्तारी में जो भी प्रक्रिया अपनाई जा रही है वह कानून के दायरे में है।
डीजीपी ने बताया कि अपराधियों पर गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई करके उनकी अवैध संपत्तियां जब्त की जा रही हैं। ज़ब्त की गई सम्पतियों की कीमत एक अरब 97 करोड़ की बताई जा रही है | इलाहाबाद जोन समेत सभी क्षेत्रों में उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा रही है। डीजीपी ने कहा कि महिला अपराध रोकने के लिए एंटी रोमियो बहुत प्रभावी साबित हुई। सोशल मीडिया पर भी ध्यान दिया रहा है। कोई भी व्यक्ति इस माध्यम से भी पुलिस को जानकारी दे सकता है। इसका दायरा देश के बाहर भी रखा गया है। ताकि खाड़ी देश, इंग्लैंड, अमेरिका आदि विदेशों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों की समस्याओं का निस्तारण किया जा सके। डीजीपी ने बताया कि पुलिस कर्मियों के व्यवहार पर उनका खास ध्यान है। पुलिस कर्मी छोटा हो या बड़ा उसका व्यवहार आम लोगों से अच्छा होना चाहिए। भ्रष्टाचार के मामले में भी कार्रवाई की जा रही है। अब तक 22 पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है। डीजीपी ने कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने इसकी शुरूआत बांदा से की थी। यहां एक उप निरीक्षक को बर्खास्त और दो सिपाहियों को मुअत्तल किया था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस कर्मियों में 40 फीसदी सुधार आया है। इसके लिए लखनऊ में पुलिस कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। डीजीपी के पूरे कार्यक्रम में इलाहाबाद परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक एसएन सावत, डीआईजी मनोज तिवारी और पुलिस अधीक्षक शालिनी व एएसपी एल.बी.के. पाल आदि उपस्थित रहे।