लखनऊ (सवांददाता) दुनिया भर में चेहरे पर अपने खतरनाक निशान छोड़कर चेहरे को भयानक बनाने वाली बिमारी, चेचक से अब जल्द ही लोगो को मिलने वाली है निजात| क्योकि अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने चेचक का इलाज करने के लिए बनाई है एक ऐसी दवा जो लोगो को इस बिमारी से महफूज़ करने में सार्थक होगी| हांलाकि यह कदम किसी आतंकी हमले में चेचक के वायरस का इस्तेमाल किए जाने से बचने के लिए उठाया गया है। गौरतलब है कि चार दशक पहले दुनियाभर में चलाए गए टीकाकरण अभियान द्वारा इस बीमारी को खत्म कर दिया गया था। उससे पहले इस बीमारी के कारण करीब 30 करोड़ लोगों की जान गई थी। हालांकि 1980 के बाद से जन्मे बच्चों को इसका टीका नहीं लगाया गया। वायरस के कुछ नमूने शोध के लिए बचा लिए गए थे। इसी के चलते वायरस का इस्तेमाल जैविक हथियार बनाने में किए जाने की आशंका बन रही है। न्यूयॉर्क स्थित मेकर एसआइजीए टेक्नोलॉजी ने इससे निपटने के लिए टीपीओएक्सएक्स नामक दवा बनाई है। दवा का परीक्षण करने के लिए बंदरों और खरगोशों को वायरस से संक्रमित किया गया। फिर उनका दवाई से उपचार किया गया। दवा के असर से 90 फीसद से ज्यादा जानवर सुरक्षित हो गए। इंसानों पर भी इसका प्रयोग सफल रहा है। वैज्ञानिकों की माने तो कि टीपीओएक्सएक्स की गोली 14 दिन लेने से चेचक पर नियंत्रण किया जा सकता है। एफडीए के प्रमुख डॉ. स्कॉट ने कहा, नए उपचार के साथ हम भविष्य में होने वाले जैविक हमले के लिए तैयार रहेंगे।