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चीन अपनी औक़ात में रहे तो बेहतर ,वरना भारत को हलके में लेना उसकी बड़ी भूल होगी
लखनऊ ,संवाददाता | पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन की सेनाएं वैसे तो आमने सामने आ चुकी हैं और माहौल जंग का रूप भी ले सकता है ,लेकिन ये सीमा विवाद और आगे न बढे इसलिए भारत हर तरीके से इस बढे तनाव को बातचीत द्वारा ख़त्म करने का इक्षुक दिखाई दे रहा है | इसीलिए आज भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने चूसल- मोलड़ी नाम के स्थान पर पहुंचकर चीन के दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू से बातचीत की ,लेकिन बातचीत बे नतीजा रही | हालाँकि इससे पहले भी क्षेत्रीय सैन्य स्तर पर कई बार हुई बातचीत भी नाकाम रही थी |
जानिए आखिर क्यों गहरा रहा है विवाद
आपको बताते चलें कि LAC के पास झील के उत्तरी किनारे पर 8 पहाड़ियां हैं जो झील में उंगलियों जैसे मिलती हैं। आर्मी इन्हें 8 फिंगर्स कहती है। भारत की सीमा फिंगर 8 तक है जबकि चीन दावा करता है कि फिंगर 4 तक उसकी सीमा है। फिंगर 4 और 8 के बीच में ही ताजा तनाव है। यहीं पर दोनों देशो की सेनाएं लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। सैटलाइट फोटोज दिखाती हैं कि चीन ने झील के किनारे टेंट लगाए हैं और कई स्ट्रक्टर भी खड़े कर दिए हैं।
झील के किनारे नजर आ रहे टेंटपैंगोंग झील के किनारे फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच टेंट जैसे स्ट्रक्चर नजर आ रहे हैं। यह तनाव का मुख्य बिंदु है।कई पहाड़ियों की तलहटी में लगे कैम्पइन सैटलाइट तस्वीरों में देखा गया है कि झील के किनारे पहाड़ियों की तलहटी में कई कैम्प नजर आ रहे हैं | उत्तरी किनारे पर फिंगर 1 से 8 तक के इलाके को भारत अपना मानता है। चीन फिंगर 4 को LAC होने का दावा करता है |
बातचीत से नहीं बनी बात तो चीन पर बनाना पड़ेगा भारत को दबाव
चीन भारत के दावे वाले क्षेत्रों में जबतक कब्जा जमाकर रख सकता है ,जब तक चीन के सैनिकों को भारत वहां से बलपूर्वक निकाल नहीं देता या फिर चीन के प्रति जैसे को तैसा रूख अपनाकर विवादित क्षेत्र में उन अन्य स्थानों पर कब्जा नहीं जमाता जहां पर वह रणनीतिक फायदे की स्थिति में है।हालाँकि अब स्थिति टकराव के मोड़ तक आ चुकी है |
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