लखनऊ,6 अप्रैल। वक़्फ़ संशोधन बिल जहां दोनों सदनों से पारित हो चुका और अब राष्ट्रपति की मोहर लगने के बाद कल के संशोधन बिल ने आज से कानूनी रूप धारण कर लिया है। मुस्लिम सांसदों, मुस्लिम तंजीमों और धर्म गुरुओं के साथ-साथ इस बिल का विरोध कर रहे अन्य राजनीतिक दल किसी हद तक अब हताश नजर आ रहे हैं। हालांकि इस कानून के विरुद्ध देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं । लेकिन इसका विरोध यदि किसानों के विरोध के तरह होगा तो उम्मीद है कि यह कानून वापस ले लिया जाए वरना सरकार से यह उम्मीद करना अब बेकार है कि वह इस कानून को वापस भी ले सकती है । मुझे याद है की भारत सरकार ने सितंबर 2020 में तीन कृषि बिल पेश किए थे, जिनका किसानों ने जमकर विरोध किया था।
इनमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक शामिल थे।
किसानों का कहना था कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खत्म कर सकते हैं और उन्हें बड़े कॉरपोरेट्स के हाथों में छोड़ देंगे, क्योंकि इन बिलों में मंडी के बाहर व्यापार की छूट और आवश्यक वस्तुओं के भंडारण पर पाबंदी हटाने जैसे प्रावधान थे।
इस बिल का विरोध प्रदर्शन 26 नवंबर 2020 से शुरू हुआ, जब किसान दिल्ली की सीमाओं पर जुटे। करीब 13 महीने के लंबे आंदोलन, जिसमें सैकड़ों किसानों की मौत भी हुई, के बाद सरकार ने 19 नवंबर 2021 को इन तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। 29 नवंबर 2021 को संसद में बिल वापसी को मंजूरी मिली। यह किसानों की एक बड़ी जीत थी।
ठीक इसी प्रकार अगर मुसलमान इस बिल का विरोध कर सके तो यह बिल वापस हो सकता है वरना मुसलमानों को सुप्रीम कोर्ट से ही न्याय की उम्मीद रखना चाहिए ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से साफ होता है कि वह उत्तर प्रदेश में किसी भी तरह का इस क़ानून के खिलाफ प्रदर्शन नहीं करने देंगे, हालांकि उनकी कड़ी चेतावनी के बावजूद उत्तर प्रदेश में रोज धरने प्रदर्शन हो रहे हैं ।कहीं नीतीश कुमार ,चन्द्र बाबू और चरागा पासवान के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है तो कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और अमित शाह के पुतले चलाए जा रहे हैं ।लेकिन छोटे-छोटे प्रदर्शनों से इस बिल पर असर पड़ने वाला नहीं है।
उत्तर प्रदेश में धरने प्रदर्शनों को देखते हुए जहां पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है । वहीं अधिकतर मार्गों पर पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है। उन स्थानों पर पुलिस भारी मात्रा में तैनात की गई है जहां धरने प्रदर्शन हो सकते हैं । सूत्रों की माने तो सपा की नेत्री और मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा और उनकी बहन के घर के बाहर पुलिस लगाकर दोनों को घर में ही नजरबंद कर दिया गया है।
जैसा कि सूत्र बताते हैं की सरकार हर उस इंसान पर अपनी कड़ी और पैनी निगाह रख रहा है जिससे यह उम्मीद है कि वह प्रदेश में धरना प्रदर्शन करके माहौल को खराब कर सकता है। ऐसी स्थिति में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन भी प्रदेश में आसानी से नहीं हो सकेंगे ।