लखनऊ,13 अप्रैल । हज़रत इमाम जाफर ए सादिक (अ.स.) की शहादत की याद में कल जहां अधिकतर इबादत गाहों में मजलिसों का आयोजन हुआ वहीं ताबूत भी निकाले गए । इसके अलावा अंजुमन हाए मातमी दस्तों ने नौहे ख्वानी वा सीना जनी की। इसी क्रम में शिया समुदाय आज भी मजलिस और नौहे ख्वानी वा सीना जनी करके अपने इमाम को श्रद्धांजलि पेश करेगा।
जानकारी के अनुसार लखनऊ के ऐतिहासिक धार्मिक स्थल कर्बला दियानतुद्दौला में हजरत इमाम जाफर ए सादिक (अ.स.) की शहादत की याद में मजलिसों का आयोजन होगा।
मजलिस का प्रारंभ पवित्र ग्रंथ कुरआन के श्लोको से किया जाएगा, जिसके बाद सोज़खवान नायाब और शकील अपने मखसूस अंदाज में सोज़ व सलाम पेश करेंगे। सोज़खवानी के बाद मुंतखब शोअराए कराम भी बारगाहे इमाम जाफरी सादिक (अस) में अपना अपना कलाम पेश फरमाएंगे । जिसके बाद पहली मजलिस को हसन मुतक्की मीसम जैदी खिताब करेंगे।
जबकि विदाई मजलिस को मौलाना सय्यद अबू तालिब रिजवी खिताब करेंगे ।
विदाई मजलिस के फौरन बाद इमाम जाफर ए सादिक (अस) का ताबूत बरामद होगा। जिसमें लखनऊ की कई अंजुमन हाए मातमी नोहा ख्वानी वह सीनाजनी करेंगी।
बनिए मजलिस मरहूम निसार नकली के परिजनों ने इमाम के सभी चाहने वालों से इस मजलिसों में शिरकत की गुजारिश की है।