लखनऊ, संवाददाता। चौक थाना क्षेत्र में स्थित कटरा आज़म बेग में वैसे तो पहला कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज़ एक नर्स रेशमा के रूप में उभरकर सामने आया था लेकिन उसके बाद रेशमा को भर्ती करा दिया गया था और इलकेबको हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद ये पता किया गया था कि रेशमा किसके किसके क़रीब आई थी। ये जानने के बाद गत दिनों कुछ लोगों की जाँच करवाई गई थी। 29 अप्रैल को कोरोना वायरस की जांच के लिए इसी क्षेत्र के कई लोगों की जाँच के सैम्पल लिए गए थे जिसकी आई जाँच रिपोर्ट में 5 लोग पॉजिटिव पाए गए।
पॉजिटिव पाए गए मरीजों में मोहम्मद सलीम पुत्र नजीबुल हसन,मुन्ना पुत्रं नजीबुल हसन,फरज़ाना पत्नी मोहम्मद युनिस, शरीक पुत्र मोहम्मद युनिस, और शाहनवाज़ पुत्र मोहम्मद युनिस के नाम शामिल हैं। सभी लोग 262/16 कटरा आज़मबेग नक्खास लखनऊ के रहने वाले हैं।
इस पूरे मामले में प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही भी उजागर हुई है। जिस दिन रेशमा नामक नर्स पॉजिटिव आई थी उस दिन उसे भर्ती करवा दिया गया औऱ इलाके को हॉटस्पॉट घोषित तो कर दिया गया,लेकिन नर्स के करीब आए लोगों को क्वारेंटइन नहीं किया गया और वही गलती आज भी की गई है। आज जिन 5 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है वो किसके-किसके संपंर्क में आए थे,ये पता नहीं किया गया गया
है । इस कारण कटरा आज़म बेग से अभी कोविड-19 का खतरा नहीं गया है।