उपभोक्ताओं का 60 करोड़ रुपए प्रतिमाह बिजली विभाग कर रहा है चोरी : आम आदमी पार्टी
लखनऊ,संवाददाता | मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष डॉक्टर संतोष कुमारी रस्तोगी ने कहा कि बिजली विभाग के मुताबिक उपभोक्ताओं को बिजली विभाग से शिकायत करना होगा । बिजली विभाग इसके बाद शिकायतकर्ता के घर में चेक मीटर लगा देगी |
चेक मीटर और स्मार्ट मीटर के डाटा में कोई फर्क नजर आने पर 15 दिनों के अंदर उपभोक्ताओं को 1912 पर कॉल करना होगी। इसके बाद बिजली विभाग उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान करने के लिए कदम उठाएगी । लेकिन इस दावे का सच कुछ और ही दिखाई दे रहा है। प्रदेश में लगभग 12 लाख उपभोक्ताओं का बिजली बिल 30% से लेकर 100% तक बढ़ कर आता है | 1 मीटर पर यदि 500 से 600 तक बिजली बिल बढ़कर आ रहा है तो साफ है कि 12 लाख मीटरों के ऊपर 60 करोड़ रुपए प्रतिमाह बिजली विभाग चोरी कर रहा है। उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान करने के बजाय उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत जनता के घर पर मीडिया को साथ लेकर उससे पैसे वसूलने जाते हैं ।आम आदमी पार्टी इस कृत्य को हास्यप्रद करार देती है।
उपभोक्ताओं से पैसा लेने के बजाय उनसे अधिक वसूला गया पैसा ब्याज समेत वापस करने के लिए जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर में हुई गड़बड़ी के सभी आंकड़े सरकार के पास होने के उपरांत भी इस संबंध में सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है । विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं का बहाना कर उपभोक्ताओं को उनके मुद्दों से भटकाने का काम किया जा रहा है । डॉक्टर संतोष कुमारी रस्तोगी ने कहा कि बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं की शिकायतों को फर्जी करार देते हुए एक कॉल सेंटर लगाया था लेकिन उस काल सेंटर में पहले ही दिन 2230 उपभोक्ताओं ने काल कर शिकायत दर्ज करवाई थी । पहले दिन के आंकड़ों की मानें तो 61% उपभोक्ताओं ने बिल अधिक आने की बात कही थी। जबकि कुछ उपभोक्ताओं ने कहा कि वह स्मार्ट मीटर से संतुष्ट हैं ।
उन्होंने कहा कि हमारा दावा है कि अगर घर जाकर मीटर चेक किया जाए तो 99 प्रतिशत उपभोक्ता कहेंगे कि पहले से ज्यादा बढ़कर बिल आ रहा है। पार्टी का आरोप है कि प्रदेश के बिजली मीटर हत्यारे हैं इसमें उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने का काम तो कर ही रही है साथ ही इसके माध्यम से उपभोक्ताओं की हत्या करने का काम कर रही है । आम आदमी पार्टी की मांग है कि सरकार सबसे पहले चेक मीटर का ड्रामा बंद करे और जिन स्थानों पर चेक मीटर लगा दिए गए हैं उसका उपभोक्ताओं से कोई चार्ज न वसूला जाए । सर्वर आधारित डाटा पर कार्रवाई करके सभी 12 लाख मीटरों को बदला जाए। स्मार्ट मीटर द्वारा उपभोक्ताओं से वसूले पैसे को वापस किया जाए यदि वापस ना कर सके तो आने वाले दिनों में उस पैसे को संयोजित किया जाए ।
Post Views: 1,295