लखनऊ, संवाददाता। चीन ने अपने ऊपर लगाए गए टैरिफ के विरुद्ध त्वरित और सख्त जवाबी कार्रवाई की है। 2 अप्रैल, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं पर 34 प्रतिशत का पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इसके जवाब में चीन ने 10 अप्रैल से अमेरिका से आयातित सामानों पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इसके साथ ही, चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने 11 अमेरिकी कंपनियों को अपनी “अविश्वसनीय संस्थाओं” की सूची में शामिल कर लिया, जिससे ये कंपनियां चीन में व्यापार नहीं कर पाएंगी। चीन ने अमेरिकी मेडिकल इमेजिंग उपकरणों की जांच शुरू की और अमेरिका से चिकन व बाजरा के आयात पर प्रतिबंध भी लगाया। चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इसे अमेरिका के लिए उल्टा पड़ने वाला कदम बताया और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज करने की बात कही।
वहीं, भारत में अभी तक अमेरिका द्वारा लगाए गए 26 प्रतिशत टैरिफ के खिलाफ कोई ठोस जवाबी कार्रवाई सामने नहीं आई है। ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की, जो 5 अप्रैल से 10 प्रतिशत और 10 अप्रैल से बाकी 16 प्रतिशत के रूप में लागू हो रहा है। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय इस टैरिफ के प्रभाव का विश्लेषण कर रहा है और निर्यातकों से फीडबैक ले रहा है। सरकार का कहना है कि यह भारत के लिए “झटका नहीं, बल्कि मिला-जुला असर” वाला है। भारत पहले से ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है, जिसे सितंबर-अक्टूबर तक अंतिम रूप देने की कोशिश जारी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अमेरिकी चिंताओं को दूर कर टैरिफ में राहत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई प्रत्यक्ष जवाबी टैरिफ या प्रतिबंध की घोषणा नहीं की गई है। साथ ही, भारत ने अमेरिका को 23 अरब डॉलर के आयात पर टैरिफ कम करने का प्रस्ताव दिया है, जो इस दिशा में एक कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।
जानिए अमेरिका द्वारा भारत और अन्य देशों पर लगाया गया टैरिफ क्या है?
अमेरिका ने हाल ही में कई देशों, जिसमें भारत और चीन शामिल हैं, पर नए टैरिफ लागू किए हैं। यह टैरिफ आयातित वस्तुओं पर लगाया गया एक प्रकार का कर (टैक्स) है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी बाजार में विदेशी सामानों की कीमत बढ़ाना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है। 2 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी,भारत से आयात पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा, जो दो चरणों में लागू हो रहा है—5 अप्रैल से 10 प्रतिशत और 10 अप्रैल से अतिरिक्त 16 प्रतिशत। इसी तरह, चीन पर 34 प्रतिशत का पारस्परिक टैरिफ लगाया गया है।
यह टैरिफ व्यापार नीति का हिस्सा है, जिसे अमेरिका “असंतुलित व्यापार” को ठीक करने और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि, इससे प्रभावित देशों में जवाबी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है, जैसे कि चीन ने पहले ही अमेरिकी सामानों पर टैरिफ और प्रतिबंध लगाए हैं। भारत अभी इस मामले में रणनीतिक और कूटनीतिक जवाब तैयार कर रहा है, लेकिन कोई प्रत्यक्ष जवाबी टैरिफ अभी तक लागू नहीं किया गया है। यह टैरिफ वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा सकता है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है।