लखनऊ, 4 जुलाई । बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी तूफान मचा हुआ है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को ‘अलोकतांत्रिक’ करार देते हुए चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया है। अब एनडीए के सहयोगी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष भूपेंद्र कुशवाहा ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। कुशवाहा ने कहा कि वोटर लिस्ट संशोधन में कोई गलत इरादा नहीं होना चाहिए, लेकिन इसके लिए दिया गया समय बहुत कम है। उन्होंने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग को यह प्रक्रिया पहले शुरू करनी चाहिए थी और लोगों की चिंताओं का खुलकर समाधान करना चाहिए। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को ‘लोकतंत्र पर हमला’ बताया और दावा किया कि यह गरीब, दलित, और अल्पसंख्यक मतदाताओं को वोटिंग से वंचित करने की साजिश है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कहा कि इस प्रक्रिया से 20% वोटरों के नाम हटने का खतरा है। दूसरी ओर, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दावा किया कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है और सभी योग्य मतदाताओं को शामिल किया जाएगा।