लखनऊ (सवांददाता) पाकिस्तान में इमरान खान की भारी जीत के बाद पहली बार पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व जेल से 30 भारतीयों को रिहा किया गया जिनमे 27 मछुआरे शामिल हैं| पाकिस्तान की ओर से ये एक सार्थक कदम उठाया गया है| पाकिस्तान की इस शुरुआत से आने वाले समय में आशा व्यक्त की जा रही कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में कड़वाहट के बजाय मिठास पैदा होने जा रही हैं|
पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के आक़ा की पार्टी की करारी शिकस्त के बाद ये बात तय हो गई है कि पाकिस्तान की जनता अमन चाहती है| विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने एक बयान में कहा कि कैदियों की रिहाई मानवीय मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करने की पाक नीति के अनुरूप की गई है।
मोहम्मद फैजल के मुताबिक, ‘यह 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाने का मानवीय भाव है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष भी इसी तरह का व्यवहार दिखाएगा।’ देश के उच्चतम न्यायालय के समक्ष जुलाई में सौंपी गई एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 418 मछुआरों समेत 470 भारतीय पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। रविवार को पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्र में कथित तौर पर मछली पकड़ने के लिए मछुआरों को गिरफ्तार करने की खबर आई थी। उन्हें कराची की मालिर जेल से कैंट रेलवे स्टेशन ले जाया गया और अब लाहौर ले जाया जाएगा।
कराची में मालिर जेल के अधीक्षक गुलाम बख्श ने पुष्टि की कि गृह मंत्रालय के आदेश के बाद सभी मछुआरों को रविवार को ट्रेन से लाहौर के लिए रवाना कर दिया गया था। मछुआरों को वाघा सीमा पर भारतीय सीमा अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। अरब सागर में समुद्री सीमा का स्पष्ट सीमांकन ना होने के कारण पाकिस्तान और भारत आए दिन मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं।
ईदी कल्याण ट्रस्ट के फैजल ने कहा कि मछुआरों को रिहा करते वक्त उन्हें खुशी हो रही थी। उनमें से कुछ ने पिछले दो साल जेल में बिताए हैं। उन्होंने कहा कि हमने लाहौर में ट्रेन से भेजकर उन्हें वाघा सीमा तक ले जाने समेत सभी खर्चों का ध्यान रखा है। हमने उन्हें सद्भावना संकेत के रूप में नकद और उपहार भी दिए हैं।