लखनऊ, संवाददाता | कोविड-19 की दूसरी लहर के जोर पकड़ने के बाद राज्य सरकारें ही निर्णय ले रही है कि उनके प्रदेश में लॉकडाउन लगना चाहिए या नहीं |अगर लगना चाहिए तो कितने दिनों का होना चाहिए | दिल्ली में तो पहले 15 दिन और उसके बाद 31 मई तक कर दिया गया था |वही महाराष्ट्र में भी कुछ छूट के साथ लॉकडाउन को बढ़ाया गया है |अब इस बारे में केंद्र सरकार की ओर से भी निर्देश और सालाह दी गई है |
30 जून तक सख्ती रखने के निर्देश
उन्होंने सभी राज्यों से 30 जून तक सख्ती रखने के निर्देश दिए हैं | गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 30 जून तक कोविड-19 की रोकथाम के लिए जारी दिशानिर्देश का पालन करने का निर्देश दिया गया है | गृह मंत्रालय ने भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों के सचिवों और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को एक आदेश जारी करने को कहा है | जिसमें उन्हें 25 अप्रैल को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी कोविड-19 के रोकथाम उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है | वहीं स्थानीय स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद छूट देने का फैसला किया जाए |
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के अनुसार कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच मामलों के रोकने के लिए उपायों को 30 जून तक बढ़ाना जरूरी है | लॉकडाउन और दूसरे उपायों को करने से दक्षिणी और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों को लगभग सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में कोविड-19 रोगियों में कमी देखने को मिली है | वैसे उन्होंने यह भी कहा कि संक्रमण की दर में कमी की प्रगति के बावजूद अभी कोरोना वायरस रोगियों की संख्या बहुत अधिक है |इसलिए लॉकडाउन के उपाय महत्वपूर्ण हैं और राज्यों को शक्ति से उनका पालन करना चाहिए |
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