16 विदेशी जमातियों पर कोरोना फैलाने और वीज़ा नियमों के उलंघन्न के आरोप निकले फ़र्ज़ी
16 विदेशी जमातियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी ज़मानत
लखनऊ,संवाददाता | कोरोना वायरस फैलाने और वीज़ा नियमों के उलंघन्न के आरोप में जेल भेजे गए 16 विदेशी जमातियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत देते हुए सरकार को करारा झटका दिया है | हाई कोर्ट ने जमातियों की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दे दिया है | कोविड की महामारी के चलते जिला कोर्ट इन दिनों बन्द रहने के चलते 7 इंडोनेशिया के और 9 थाईलैंड के जमातियों को सीधे हाईकोर्ट से जमानत मिली है |
बताते चलें कि केंद्र सरकार द्वारा 2 अप्रैल को सभी डीजीपी को निर्देश जारी किया गया था और प्रेस नोट जारी कर पूरे देश में जमातियों के खिलाफ विभिन एक्ट में कार्यवाही को निर्देशित किया गया, जो सबित करता है कि सरकार ने उन्हें अपराध होने से पहले ही अपराधी बना दिया | सबसे आश्चर्यजनक बात ये भी है की सभी विदेशियों के यहां रुकने की सभी औपचारिकताएं पूरी की गईं |
आरोपियों की ओर से दो प्रार्थना पत्र दाखिल किये गए थे , जिसमें कहा गया कि सभी आरोपियों पर संक्रमण फैलाने, वीज़ा का दुरुपयोग करने का आरोप है | आरोपियों की ओर से कहा गया कि जब कई बार की टेस्टिंग में सभी निगेटिव पाए गए | जब वे स्वयं संक्रमित नहीं थे तो संक्रमण फैलाने का औचित्य नहीं | इसी तरह से वीजा के नियमों का उल्लंघन भी नहीं हुआ है ,क्योंकि वीजा नियम के पैरा-15 में स्पष्ट है कि टूरिस्ट वीज़ा पर धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हो सकते हैं |
विदेशी जमातियों की जमानत अर्जी पर उनके वकील सैय्यद अहमद नसीम और मोहम्मद खालिद की दलीलों को सुनकर जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया | इन जमातियों पर आरोप है कि तबलीगी मरकज़ निज़ामुद्दीन दिल्ली से दो अलग-अलग जमाअतों में लौटे जमातियों ने प्रयागराज में ठहरने की जानकारी छिपाने के साथ ही साथ वीजा नियमों का भी उल्लंघन किया था | इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर थाना शाहगंज और थाना करेली में दर्ज की गई थी | शाहगंज थाने में 7 इंडोनेशियाई जमातियों सहित 17 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर धारा 188, 269, 270, 271, आईपीसी 3 महामारी अधिनियम,व 14 बी,14 सी में दर्ज की गई थी |
यही नहीं इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को भी 120बी का आरोपी बनाया गया था | इसके साथ ही करेली थाने में भी दूसरे प्रकरण में इन्हीं धाराओं में 24 मार्च से ही मस्जिद हेरा में ठहरे 9 थाईलैंड के जमातियों और मस्जिद इमाम उज़ैफ़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था | इन्हें करेली के महबूबा पैलेस में क्वारेंटाइन किया गया था और बाद में 21 अप्रैल को गिरफ्तारी कर चालान कर दिया गया था |
7 इंडोनेशियाई तब्लीगी जमात के लोगों और केरल व पश्चिम बंगाल के दो अनुवादकों को अब्दुल्ला मस्जिद मरकज़ में छिपाने के लिए 9 लोगों को ज़िम्मेदार बताया गया था | करेली प्रकरण में इमाम उज़ैफ़ा व दोनों अनुवादकों को पहले ही जिला कोर्ट से जमानत मिल चुकी है | इसके साथ ही अब्दुल्ला मस्जिद के 11 संरक्षण देने वालों की जमानत भी पहले ही जिला कोर्ट स्वीकार कर चुकी है |
दोनों प्रार्थना पत्रों में जमानत का पर्याप्त आधार पाते हुए थाना शाहगंज के मामले में इंडोनेशिया के अदि कुस्तीना, समसुल हादी, इदरिस उमर, इमाम साफी, सतिजो जोइडिनो, हेन्द्रा सिंम्बोलन, डैडीके इसकेन्डेर व थाना करेली के मामले में थाईलैंड के मोहम्मद मदाली, हसन पाचो, सिथि पोन, सुरस्क, अरसेनन, अब्दुल बसीर, रोमली कोली, अब्दुनल, उपदान वहाब, की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है |
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