लखनऊ, 29 जुलाई ।लखनऊ के रहीमाबाद थाना क्षेत्र के बखतौरी गांव में सोमवार देर रात एक सनसनीखेज हत्याकांड ने इलाके में दहशत फैला दी। हमलावरों ने घर में घुसकर 32 वर्षीय अमन दीक्षित, पुत्र सुशील दीक्षित, की उनकी बहन राधिका के सामने ही धारदार हथियारों और ईंटों से निर्मम हत्या कर दी। राधिका ने बताया कि हमलावरों ने अमन के सिर और पीठ पर ताबड़तोड़ वार किए, और फिर ईंटों से उनके चेहरे को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। राधिका खड़ी होकर गिड़गिड़ाती रही, लेकिन हमलावर तब तक वार करते रहे जब तक अमन की सांसें नहीं थम गईं। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।पीड़ित राधिका की शिकायत पर रहीमाबाद थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छह नामजद आरोपियों—पंकज दीक्षित, मंजू दीक्षित, नीरज दीक्षित, सपना दीक्षित, कल्पना दीक्षित और विमलेश दीक्षित—के खिलाफ हत्या की सुसंगत धाराओं में FIR दर्ज की है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया और कुछ साक्ष्य जुटाए। अमन के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रभारी निरीक्षक आनंद द्विवेदी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं, और जल्द ही उन्हें हिरासत में लिया जाएगा।प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक की बहन राधिका ने बताया कि गांव निवासी पंकज दीक्षित, मंजू दीक्षित, नीरज दीक्षित, सपना दीक्षित, कल्पना दीक्षित और विमलेश दीक्षित अपने साथियों के साथ सोमवार देर रात उनके घर में घुस आए। घर में घुसते ही उन्होंने अमन पर धारदार हथियारों और ईंटों से ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया। राधिका ने लाख विरोध किया, लेकिन हमलावरों ने उनकी एक न सुनी और तब तक वार करते रहे जब तक अमन की मौत नहीं हो गई।
घर को लेकर चल रहा था विवाद
इस हत्याकांड का कारण संपत्ति विवाद बताया जा रहा है। बखतौरी ससपन गांव में मदन दीक्षित, मानव दीक्षित और सुशील दीक्षित—तीन भाइयों का घर है। मदन दीक्षित की मृत्यु हो चुकी है, और उनके बच्चे बाहर रहते हैं। उन्होंने अपने गांव के घर की देखभाल का जिम्मा अमन के पिता सुशील दीक्षित को सौंप रखा था। पंकज दीक्षित और उनके साथी इस घर पर कब्जा करना चाहते थे, लेकिन सुशील और अमन इसका लगातार विरोध कर रहे थे। इस संपत्ति विवाद को लेकर दोनों पक्षों में पिछले एक साल से तनाव चल रहा था। राधिका ने बताया कि आरोपियों ने कई बार अमन को जान से मारने की धमकी दी थी।इसके अलावा, इस विवाद को लेकर दोनों पक्षों ने 10 दिन पहले भी स्थानीय पुलिस में शिकायत की थी। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ शांति भंग (धारा 151 CrPC) की कार्रवाई करके मामले को रफा-दफा कर दिया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया। मृतक के चचेरे भाई मुकेश दीक्षित ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि पुलिस ने पहले की शिकायतों पर गंभीरता दिखाई होती और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की होती, तो इस हत्याकांड को रोका जा सकता था। पुलिस की इस खानापूर्ति के चलते आरोपियों के हौसले बुलंद हुए, और उन्होंने इस जघन्य वारदात को अंजाम दे दिया।पुलिस ने प्रथम दृष्टया संपत्ति विवाद को हत्या का कारण माना है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। रहीमाबाद थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है, और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना ने पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है, और स्थानीय लोग पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।



