लखनऊ, 20 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दीपावली का उत्साह चरम पर है। धनतेरस से बाजार सज गए हैं, लेकिन प्रदूषण की आशंका ने सबको सतर्क कर दिया। चौक से अलीगंज तक मिठाइयां, खिलौने और सजावट की चीजों की बिक्री तेज है। लोग नए कपड़े खरीदकर मुबारकबाद दे रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों से बचें।
दीपावली का अर्थ दीपों की माला है। भगवान राम के वनवास से लौटने पर अयोध्या में दीप जलाए गए थे। यह हर्ष का प्रतीक है, जहां लक्ष्मी पूजा से समृद्धि की कामना की जाती है। लेकिन पटाखों से वायु प्रदूषण 200% बढ़ जाता है, जो महीनों तक असर छोड़ता है। शबे बरात पर आतिशबाजी से भी यही समस्या होती है। पर्यावरणविद सुझाते हैं कि ग्रीन पटाखे या लेजर शो अपनाएं, ताकि खुशी बरकरार रहे।
धनतेरस पर सर्राफा बाजार में 500 करोड़ का कारोबार हुआ। सोना-चांदी की खरीदारी ने रौनक बढ़ाई। इलेक्ट्रॉनिक्स पर छूट से एसी-फ्रिज बिके। चौक में पेड़ा-बालूशाही की दुकानों पर भीड़ लगी। अलीगंज के खिलौना बाजार में बच्चे दीये चुन रहे हैं। सड़कें मिठाइयों से सजी हैं, चेहरों पर खुशी झलक रही है।
हालांकि, दिल्ली-लखनऊ में AQI 350 पार हो गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी कि उत्तरी हवाओं से प्रदूषण फैलेगा। सीएम योगी ने ग्रीन पटाखों पर जोर दिया। परिवहन निगम 3000 अतिरिक्त बसें चला रहा है। मेट्रो का समय बढ़ाया गया। इस दीपावली पर शहर न केवल रोशनी से जगमगाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगा।



