लखनऊ, 10 मई ।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है, जो शहर वासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। ताजा जानकारी के अनुसार, शहर के इंदिरा नगर, आलमबाग, गोमती नगर, और चारबाग जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में डेंगू के नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए निगरानी बढ़ा दी है और नागरिकों से मच्छररोधी उपाय अपनाने की अपील की है।
लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 32 नए डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें से 12 को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) और संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (SGPGI) ने डेंगू रोगियों के लिए 50 अतिरिक्त बेड का विशेष वार्ड तैयार किया है। सीएमओ ने बताया कि मानसून के बाद जलभराव और गंदगी के कारण मच्छरों का प्रजनन बढ़ा है, जो डेंगू के प्रसार का मुख्य कारण है।डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। गंभीर मामलों में रक्तस्राव और प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को मुफ्त डेंगू जांच और उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ नगर निगम ने प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग और एंटी-लार्वा छिड़काव शुरू कर दिया है। इंदिरा नगर के सेक्टर-14 और आलमबाग के चंद्रनगर में विशेष टीमें तैनात की गई हैं।नागरिकों से अपील की गई है कि वे घरों में पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी का उपयोग करें, और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं, क्योंकि शुरुआती उपचार जटिलताओं को रोक सकता है। KGMU के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. केके गुप्ता ने कहा, “डेंगू का इलाज संभव है, लेकिन देरी जानलेवा हो सकती है।”लखनऊ में भारत-पाक तनाव के बीच स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव है। अस्पतालों में आपातकालीन तैयारियों के साथ-साथ डेंगू नियंत्रण के लिए संसाधन बढ़ाए गए हैं। सीएमओ ने बताया कि 15 मई तक प्रभावित क्षेत्रों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जहां मुफ्त जांच और दवाइयां उपलब्ध होंगी। नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सामूहिक प्रयासों से डेंगू को नियंत्रित किया जा सकता है।



